
तंबाकू स्वास्थ्य के लिए विनाशकारी -शिवानी जैन एडवोकेट
ओल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं उत्पादक देश है। विश्व स्तर पर तंबाकू के सेवन की वजह से हर साल करीब 80 लाख लोगों की मौत होती है। विश्वभर में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। हालांकि, इसकी वजह से महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसमें गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर और हृदय संबंधी जोखिम आदि शामिल है। भारत सरकार ने साल 2007 में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की थी। जिसका उद्देश्य जागरूक करना, तंबाकू उत्पादों के उत्पादन और आपूर्ति को कम करना था।
थिंक मानवाधिकार संगठन की एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन एवं डॉ अनीता चौहान ने कहा कि धूम्रपान करने से धमनियां कमजोर होने लगती हैं और कोरोनरी हार्ट डिसीज और स्ट्रोक हो सकता है। कुछ अध्ययनों में पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर बढ़े हार्ट अटैक के लिए धूम्रपान को भी एक संभावित कारक बताया गया है। इसके अलावा तम्बाकू का उपयोग से कैंसर या फेफड़े की बीमारी भी हो सकती है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक
डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, डॉ एच सी राजेंद्र कुमार जैन, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, मीरा एडवोकेट, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि जब कोई सिगरेट पीता है, तो वह न केवल खुद को बल्कि अपने आस-पास के सभी लोगों को नुकसान पहुंचाता है।
उन्होंने कहा कितम्बाकू हमारे स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकता है। लोग रोजाना लंबे समय तक इसका सेवन करते हैं। पूरी दुनिया में लगभग एक अरब लोग धूम्रपान करते हैं। यह एक चौंकाने वाला आंकड़ा है क्योंकि 1 अरब लोग अपने साथ-साथ लाखों लोगों को भी खतरे में डालते हैं।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ