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वित्तीय जांच में भी कुशल होगी विजिलेंस, 20 पद बढ़ाने की मंजूरी

देहरादून: प्रदेश की विजिलेंस अब तकनीकी और वित्तीय जांच करने में भी दक्ष हो जाएगी। इन पेचीदगियों को समझने के लिए अब विजिलेंस को बाहर से किसी एजेंसी की सहायता लेने भी जरूरत नहीं होगी। कैबिनेट ने 20 पद बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।

इनमें विभिन्न विधाओं के इंजीनियर, वित्तीय विशेषज्ञों को संविदा पर तैनात किया जाएगा। इसके अलावा कुछ अराजपत्रित पुलिस अधिकारियों को भी विजिलेंस में तैनात किया जाएगा। इनमें इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी शामिल होंगे।गौरतलब है कि विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों में जांच के लिए विजिलेंस को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

मसलन किसी निर्माण में कोई भ्रष्टाचार हुआ है तो उसकी समझ पुलिस अधिकारियों से ज्यादा इंजीनियर को होती है। इसी तरह कई वित्तीय जांच भी ऐसी होती हैं जिनमें पुलिस के जांच अधिकारियों को बाहर के किसी विशेषज्ञों की मदद लेनी पड़ती है।

अब विजिलेंस के ढांचे में 132 से बढ़कर 152 पद हो जाएंगे
ऐसे में कई बार जांच में देरी होती है तो इसका फायदा सीधे तौर पर आरोपी को मिल जाता है। यही नहीं तकनीकी पेचीदगियों के चलते जांच अगर कमजोर हुई तब भी जांच हल्की मानी जाती है। ऐसे में विजिलेंस ने वर्ष 2022 में कुछ तकनीकी विशेषज्ञों को विजिलेंस के ढांचे में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था जिसे बुधवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। कुल 20 पद बढ़ाने की मंजूरी मिली है।

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इसके साथ अब विजिलेंस के ढांचे में 132 से बढ़कर 152 पद हो जाएंगे। बढ़े पदों में ज्यादातर पुलिस विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आएंगे। इनमें इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी शामिल होंगे। तकनीकी विशेषज्ञों को संविदा पर तैनात किया जाएगा। इनमें सीए, सिविल इंजीनियर जैसे विशेषज्ञ शामिल होंगे।

पद बढ़ने से विजिलेंस की क्षमताओं में बढ़ोतरी होगी। इनमें तकनीकी और वित्तीय विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। इससे जिन जटिलताओं का सामना विजिलेंस को करना पड़ता था उन पर आसानी से पार पाया जा सकेगा। इससे विभिन्न जांचों में तेजी आएगी। – डॉ. वी मुरुगेशन, निदेशक, विजिलेंस

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