
नई दिल्ली:-भारत में कोरोना एक बार फिर सिर उठाने लगा है. कोरोना वायरस अब तेजी से फैलने लगा है. देश में कोविड19 के एक्टिव केसों की संख्या 1000 पार कर गई है. केरल से लेकर कर्नाटक तक और महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक कोरोना के नए आंकड़े अब डराने लगे हैं. जी हां, देश में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी लेटेस्ट डेटा के अनुसार, भारत में इस समय कुल 1009 सक्रिय कोविड-19 मामले हैं. साल में यह पहली बार है, जब देश में कोरोना के केस 1000 पार हुए हैं.
हेल्थ मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक, भारत में 1009 एक्टिव मामलों में से 752 मामले हाल ही में सामने आए हैं. यह इस बात की ओर इशारा करता है कि कोरोना वायरस अब धीरे-धीरे मजबूती से अपना पैर पसार रहा है. यह कोरोना अभी भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है. इससे बचने के लिए लोगों को संभल कर रहने की जरूरत है.
कोरोना के मामलों ने तो सबसे अधिक दिल्ली में सरप्राइज किया है. यहां कोरोना वायरस के 100 से अधिक मामले सामने आए हैं.
अगर स्टेटवाइज डेटा की बात करें तो केरल इस समय सबसे अधिक कोरोना प्रभावित राज्य बना हुआ है. केरल में कोरोना के 430 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं. इसके बाद महाराष्ट्र में 209, दिल्ली में 104 और कर्नाटक में 47 सक्रिय मामले हैं. उत्तर प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या फिलहाल 15 हैं। राजस्थान में 13 मरीज मिले हैं और पश्चिम बंगाल में भी कोविड के 12 एक्टिव केस हैं। इसके अलावा, मध्य प्रदेश में 2, छत्तीसगढ़ में 1, गोवा में 1 और तेलंगाना में 1 केस मिला है। इन राज्यों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से निगरानी और इलाज की प्रक्रिया जारी है.कुछ राज्यों जैसे अंडमान और निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर आदि में फिलहाल कोई सक्रिय मामला दर्ज नहीं है. महाराष्ट्र में 4, केरल में 2 और कर्नाटक में 1 मौत की जानकारी है.
20 राज्यों में फैसला संक्रमण!
ताजा जानकारी के अनुसार देश के करीब 20 राज्यों में कोरोना ने एंट्री मार दी है। कोरोना की आहट के बाद राज्यों की सरकारों ने अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है। भारत में दो नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 का पता चला है।केरल में कोरोना के 430 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं. इसके बाद महाराष्ट्र में 209, दिल्ली में 104 और कर्नाटक में 47 सक्रिय मामले हैं. इन राज्यों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से निगरानी और इलाज की प्रक्रिया जारी है.
भारत में विशेष रूप से केरल, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कोविड-19 के मामलों में हाल ही में उछाल देखा गया है. यह उछाल ओमिक्रॉन वंश के BA.2.86 सब-वेरिएंट के कारण है. जिसे ‘पिरोला’ के नाम से जाना जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि JN.1 सब-वेरिएंट की संरचना में लगभग 30 बदलाव हैं, जो इसे मौजूदा इम्यूनिटी को चकमा देने और तेजी से फैलने में सक्षम बनाते हैं. ये बदलाव वायरस के स्पाइक प्रोटीन में होते हैं, जो इसे मानव कोशिकाओं में घुसने में मदद करते हैं.
राज्यों में हेल्थ एडवाइजरी जारी
दिल्ली, महाराष्ट्र, यूपी और केरल समेत लगभग सभी राज्यों में कोरोना को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। राज्य सरकारों ने सभी अस्पतालों को एक्सट्रा आईसीयू, बेड, दवाओं, ऑक्सीजन समेत सभी जरूरी उपचार के उपकरणों को बढ़ाने का निर्देश दिया है। नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और हाथों की सफाई का पालन करें। इसके अलावा, लक्षणों की पहचान कर तुरंत टेस्टिंग और आइसोलेशन अपनाएं।
रोगी सावधानी का पालन करें
अनियंत्रित शुगर, क्रोनिक किडनी रोग, एचआईवी, या अंग प्रत्यारोपण जैसे रोगों से पीड़ित लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी जोखिम में हैं. पुराने टीके, जो पहले के वेरिएंट्स के लिए डिज़ाइन किए गए थे, JN.1 के खिलाफ कम प्रभावी हैं. दूसरी ओर, जेमकोवैक-19 जैसी mRNA वैक्सीन को नए वेरिएंट्स के लिए आसानी से अपडेट किया जा सकता है.
भारत में इस वक्त दो नए सब-वेरिएंट्स ने भी चिंता बढ़ाई हुई है। ये दोनों इस वक्त निगरानी में है लेकिन इसके भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत में प्रमुख स्ट्रेन के रूप में तीनों स्ट्रेनों के सैंपल लिए गए हैं जिसमें जेएन.1 को ज्यादा सक्रिय माना गया है। बात करें अन्य दो वेरिएंट्स की तो वे दोनों अधिक गंभीर नहीं है। इनके लक्षण भी सर्दी, जुकाम जैसे हैं।
JN.1 वेरिएंट के लक्षण
नाक बहना।
सिरदर्द होना।
बुखार।
गले में खराश।
थकान।
कोरोना से कैसे बचें
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समय लापरवाह होने का नहीं है. बदलते मौसम और त्योहारों के मौसम को देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें और लक्षण होने पर तुरंत जांच कराएं. देश में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लगातार निगरानी जारी है. सरकार आने वाले दिनों में टीकाकरण और निगरानी को और सख्त करने की योजना बना रही है.
कोविड-19 से बचाव के प्रमुख उपाय
1. टीकाकरण
– कोविड-19 के टीके संक्रमण और गंभीर बीमारी के जोखिम को कम करने में प्रभावी हैं इसलिए ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं है.– विशेषज्ञों के अनुसार, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों के लिए बूस्टर डोज आवश्यक है.
2. मास्क का उपयोग
– भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर और सार्वजनिक परिवहन में मास्क पहनना अनिवार्य करें.– खांसी, जुकाम या बुखार जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाएं और मास्क जरूर पहनें.
3. हाथों की स्वच्छता
– बार-बार साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें.– अगर साबुन और पानी उपलब्ध नहीं हैं, तो कम से कम 60% अल्कोहल युक्त हैंड सैनिटाइजर का उपयोग अवश्य करें.
4. सोशल डिस्टेंसिंग
– कम से कम 2 गज की दूरी जरूर बना रखें और इस बात का खास ध्यान रखें, विशेषकर सार्वजनिक स्थानों पर.– भीड़-भाड़ वाली जगहों से पूरी तरह बचें और आवश्यक होने पर ही बाहर जाएं.
5. स्वास्थ्य निगरानी और परीक्षण
– अगर कोई कोरोना को को लक्षण दिख रहा है तो तुरंत कोविड-19 टेस्ट करवाएं और डॉक्टर से भी बात करें.– स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी की गई सलाह और दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करें.
नए टीके अभी काफी मात्रा में उपलब्ध नहीं
ये टीके प्रयोगशाला में निर्मित mRNA का उपयोग करके प्रतिरक्षा प्रणाली को एक्टिव करते हैं. जेमकोवैक-19 को 2-8 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहीत किया जा सकता है, जिससे यह अन्य mRNA टीकों की तुलना में अधिक सुविधाजनक है, जो ठंडे तापमान की मांग करते हैं. हालांकि, यह टीका अभी व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है. नए वेरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा के लिए mRNA टीकों को जल्दी से समायोजित करने की क्षमता महत्वपूर्ण है. विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जोखिम वाले समूह मास्क पहनने और सामाजिक दूरी जैसी सावधानी का पालन करें.
घर में सुरक्षा के उपाय
वेंटिलेशन: घर के कमरों में ताजी हवा के लिए खिड़कियां खोलें या एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें.सतहों की सफाई: जिन जगहों को लोग बार-बार छु रहे हों, उन जगहों पर नियमित रूप से कीटाणुरहित करें और सैनिटाइजर का उपयोग करें.स्वास्थ्य निगरानी: परिवार के सभी सदस्यों का तापमान और स्वास्थ्य की नियमित जांच करें.