
जैसलमेर बाड़मेर लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस, भाजपा में मची खल बली,
ईश आराधना यात्रा को मिल रहा भरपूर जनसहयोग, क्षैत्र में हुई रणनीतिक चर्चाएं
संवाददाता कोजराज परिहार
बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा में इस बार राजनीतिक भूचाल अपने नवीन पड़ाव पर है, जहां शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी द्वारा जैसलमेर क्षेत्र में निकाली जा रही ईश आराधना यात्रा लगातार जनसमर्थन प्राप्त कर रही है। ग्रामीणों ने नारे लगाकर, मिठाई बांट कर फूलों और मालाओं के साथ यात्रा का स्वागत किया। ग्रामीण रविंद्र सिंह भाटी से अपनी दैनिक समस्याओं की चर्चा करते हैं साथ ही उसका निदानात्मक सुझाव भी भाटी को बता रहे हैं।
भाटी द्वारा क्षेत्रीय समस्याओं को स्थानीय स्तर पर समाधान करने की प्रभावी रणनीति आम जन को खूब भा रही है। जिससे भाटी का जन सहयोग लगातार बढ़ रहा है।
रविंद्र सिंह भाटी इस संदर्भ में बताते हैं कि जैसलमेर की मूल समस्या समाधान की गम्भीरता के प्रति उदासीनता और राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी है। प्रबल इच्छा शक्ति से और राजनीतिक सक्रियता के माध्यम से सामूदायिक सहयोग प्राप्त कर प्रत्येक समस्या का समाधान संभव है।
यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि पानी बिजली स्वास्थ्य शिक्षा और सड़क जैसे मुद्दों को रविंद्र सिंह ने पुर जोर उठाया है और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर त्वरित निवारण की भी कार्यवाही की गई जिससे ग्रामीण काफी उत्साहित है।
ईश आराधना यात्रा की सफलता इन दिनों राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
*हमारा ध्येय, ओरण संरक्षण*
सुप्रीम कॉर्ट ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर ओरण भूमि को डिम्ड फॉरेस्ट घोषित करने के निर्देश दिए हैं। जिसको लेकर वन विभाग ने आपतियां भी मांगी है। जैसलमेर क्षेत्र में बहुत बड़ा भाग इससे प्रभावित होगा, जिसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने रविन्द्र सिंह भाटी को अपनी आपत्ति दर्ज करवाई कि इससे पशुधन की विचरण भूमि कम हो जाएगी और पशुपालकों को नुकसान होगा। जिसको लेकर विधायक महोदय ने कहा कि हमारा ध्येय ओरण संरक्षण है, और इसको लेकर हमने पूर्व में ही आपत्ति दर्ज करवा रखी है।
ईश आराधना यात्रा के तीसरे दिन की शुरुवात तनोटराय माताजी के पूजन से शुरू हुई। तनोटराय माता मंदिर में प्रातः दर्शन व आरती के पश्चात लोंगेवाला, शियाम्बर, लूनार होते हुए सम पहुँची। सम में रमज़ान के रोजे होने के बावजूद भारी मात्र में लोग पहुँचे। सम में ढोल- नगाड़ा के साथ भव्य स्वागत हुआ। इसके बाद में ईश आराधना यात्रा लूनार,कनोई, आलाज़ी मंदिर सलखा,कुछडी,पूनमनगर,सेरावा,हेमा,नेतसी, नवल सिंह की ढाणी, मेहा जी की ढाणी,बीकांसी जी मंदिर सोनू, लीला पारेवर,पारेवर, जगथ जी मंदिर, मोकला, डूँगरपीर जी मंदिर, भादासर होते हुए लानेला पहुँची।