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प्रधानाचार्य टीकाराम कन्या इंटर कॉलेज डॉ इंदू सिंह अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी तानाशाही दिखाते हुए डॉ कंचन जैन के साथ अन्याय कर रही हैं।

शिवानी जैन एडवोकेट की रिपोर्ट

प्रधानाचार्य टीकाराम कन्या इंटर कॉलेज डॉ इंदू सिंह अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी तानाशाही दिखाते हुए डॉ कंचन जैन के साथ अन्याय कर रही हैं।

शिवानी जैन एडवोकेट डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ ने कहा कि डॉक्टर कंचन जैन सीनियर एडब्ल्यूबी ,रीयूनियन कोर्स ,सहायक प्रादेशिक संगठन आयुक्त लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण एवं 1 सितंबर 2022 जिला विद्यालय निरीक्षक अलीगढ़ द्वारा जिला संगठन आयुक्त गाइड पद पर कार्य करने हेतु अनुमति, 14 दिसंबर 2021, 3 मार्च 2020 को भी अनुमति प्रदान की गई। मगर डॉक्टर इंदू सिंह ने अपनी हिटलर शाही दिखाते हुए फाइलों को गायब कर दिया या गायब करा दिया और डॉ शुभिका प्रवक्ता/ प्रधानाचार्य राजकीय कन्या इंटर कॉलेज कलाई को जिला संगठन आयुक्त गाइड पद पर जिला सचिव/प्रधानाचार्य तलेसरा इंटर कॉलेज तलेसरा श्री डालेश कांकरान जी द्वारा हस्ताक्षर करके डॉ इंदू सिंह जी एवं जिला आयुक्त स्काउट प्रधानाचार्य बाबूलाल जैन इंटर कॉलेज अलीगढ़ श्री अम्बुज जैन की मिलीभगत से नियुक्ति पत्र जारी करा दिया जोकि फर्जी है। सन 2018 से फर्जी नियुक्ति पत्र पर कार्य कर रही है। प्राइवेट एनजीओ के नाम पर सरकारी सुविधाओं का भी लाभ ले रही है।
श्रीमान संयुक्त शिक्षा निदेशक अलीगढ़ मंडल अलीगढ़ वर्षों से यही कह रहे हैं कि पूर्व में सहायक प्रादेशिक संगठनआयुक्त अलीगढ़ मंडल अलीगढ़ श्री राकेश कुमार सैनी जी को जांच के लिए पत्र दिए गए थे। उसके बाद सहायक प्रादेशिक संगठन आयुक्त अलीगढ़ मंडल अलीगढ़ श्रीमती नेहा कटिहार जी एवं सुश्री कविता जी को जांच के लिए पत्र सौंपें गए।
दिनांक 25 अप्रैल 2023 संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय अलीगढ़ पत्रांक संख्या 43031 पर जिला विद्यालय निरीक्षक/ जिला मुख्य आयुक्त अलीगढ़ को सभी पत्र भेज दिये गये। जिला विद्यालय निरीक्षक अलीगढ़ कार्यालय में क्रम संख्या 343 दिनांक 1 मई 2023 को रजिस्टर में अंकित है। मगर पत्र कहां है? यह मालूम नहीं है। जिस अधिकारी का नाम लिखा है, उन्होंने किसी भी पत्र के होने से साफ इनकार कर दिया। जिला विद्यालय निरीक्षक/जिला मुख्य आयुक्त अलीगढ़ ने तो प्री ए एलटी प्रशिक्षण की अनुमति के लिए प्राइवेट एनजीओ भारत स्काउट और गाइड के प्रादेशिक मुख्य आयुक्त लखनऊ से मिलने को कहा। क्योंकि वह सरकारी अध्यापकों एवं अपने सरकारी बच्चों के लिए प्रशिक्षण कराते हैं।
प्राइवेट यानी कि स्वतंत्र गाइड कंपनी को नहीं। स्वतंत्र गाइड कंपनियों को एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत खत्म करने की साजिश है।
प्राइवेट एनजीओ भारत स्काउट और गाइड 1860 एक्ट के तहत स्वयंसेवी, गैरराजनीतिक संस्था है तो इसमें स्वयंसेवक ही कार्य करेंगे। प्रादेशिक मुख्यालय लखनऊ के अनुसार जिले के सर्वोच्च अधिकारी जिला मुख्य आयुक्त की अनुमति के बाद ही लखनऊ उस पर विचार करते हैं तो फिर स्वयंसेवक कों बरसों से प्रशिक्षण के लिए अनुमति क्यों नहीं ? जिसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार इसे अनुदान भी देती है।
सभी पत्र कहां है,उनके संज्ञान में नहीं है।
दिनांक 2 दिसंबर 2021 से अब तक हजारों पत्र लिखे जा चुके हैं। मगर सभी सरकारी प्रधानाचार्य, प्रवक्ता एवं उच्च अधिकारी फर्जी नियुक्ति प्रकरण में जांच नहीं होने देना चाहते।
जिला निरीक्षक अलीगढ़ कार्यालय में, संयुक्त शिक्षा अलीगढ़ मंडल कार्यालय में, कुछ स्काउट और गाइड, और विद्वानों को प्रादेशिक मुख्यालय लखनऊ का आदेश पत्र एवं जिला सचिव अलीगढ़ का नियुक्ति पत्र दिखाया गया तो सभी ने कहा कि जिला सचिव अलीगढ़ का नियुक्ति पत्र गलत है। क्योंकि नियुक्ति पत्र में प्रादेशिक मुख्य आयुक्त लखनऊ के हस्ताक्षर नहीं है।
सरकारी राजस्व की हानि हो या बच्चों की पढ़ाई का नुकसान लेकिन उनका लाभ होना चाहिए।

AKHAND BHARAT NEWS

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