
भाजपा का अब ऐसे नेताओं पर भरोसा नहीं।
उज्जैन। अनिल फिरोजिया के बारे में यह कहा जाता है की वे बड़े लोगों के नेता है। शिवराजसिंह चौहान और गडकरी के खास बनने की ख्वाइश में वे पतले तो हो गए लेकिन जिस समाज की वे नुमाइंदगी करते है,उनकी मूलभूत समस्याओं पर उन्होंने कभी ध्यान नहीं दिया।
उज्जैन का दलित समाज का भरोसा मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव पर ज्यादा है। समाज यह मानता है की मुख्यमंत्री दलित और पिछड़े समाज की चिंता भी करते है और उन्हें आगे बढ़ने के भरपूर मौके भी देते है।
खैर इन सबके बीच बड़े नेता बड़े भईया फिरोजिया भाजपा के लिए अलोकप्रिय हो गए है। उनके बारे में यह कहा जा रहा है की दलित समाज के वोट नही पाना हो तो उन्हें टिकट दे दो। कबीर समाज हो या रविदास समाज,फिरोजिया के नाम पर कोई तैयार नहीं।अ
पनी उज्ज्वल संभावनाओं को कैसे खत्म कर सकता है,यह फिरोजिया जी से बखूबी सीखा जा सकता है। वे दलित समाज की आवाज बनकर भाजपा में जरूरी बन सकते थे। पर वे नेताओं के खास बनने के चक्कर में आम बन गए और कहा जाता है की भाजपा में जो अपने महत्व को नही समझा और आम बना, उस गुठली के दाम भी नही मिलते।