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एडवोकेट रजत कलसन को जमानत मिलने पर वकीलों ने बांटे लड्डू 

ऑटो मार्केट प्रकरण में गिरफ्तार एडवोकेट रजत कलसन सहित तीनों अधिवक्ताओं को मिली जमानत 

 

रिपोर्टर रामगोपाल बैरवा बांदीकुई दौसा

खबर हिसार, से 4 अगस्त 2025 हिसार की पुरानी ऑटो मार्केट में पुलिस के साथ कथित धक्का-मुक्की और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए एडवोकेट रजत कलसन, एडवोकेट प्रवेश महिपाल और एडवोकेट दीपक सैनी को सोमवार को हिसार के सीजेएम राजीव की कोर्ट से जमानत मिल गई। तीनों अधिवक्ताओं को शनिवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था जहाँ से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत परिसर में अधिवक्ताओं की भारी भीड़ देखने को मिली। आरोपियों की ओर से पेश हुए एडवोकेट रोहित कलसन और अन्य ने न्यायालय में सशक्त तर्क और कानूनी दलीलें प्रस्तुत कीं जिसके बाद कोर्ट ने तीनों की नियमित जमानत मंज़ूर कर ली । उल्लेखनीय है कि हांसी स्पेशल स्टाफ प्रभारी एसआई रविकांत की शिकायत के अनुसार 29 जुलाई की रात पुलिस जब ऑटो मार्केट पहुंची तो तीनों अधिवक्ता एक वाहन में मौजूद थे। पुलिस का आरोप है कि पूछताछ के दौरान अधिवक्ताओं ने अभद्रता करते हुए एसआई को धक्का दिया और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई। इस गिरफ्तारी और उसके बाद अधिवक्ता रजत कलसन की अकड़ूँ अवस्था में फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल किए जाने से वकील समुदाय में गहरा आक्रोश उत्पन्न हुआ। हिसार और हांसी अदालतों में प्रैक्टिस करने वाले अनेक वकीलों ने इसे पेशे की गरिमा का अपमान बताया।इस मामले में अधिवक्ता बजरंग इंदल ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को संयुक्त ज्ञापन भेजते हुए गिरफ्तारी को अवैधानिक और राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया। उन्होंने इस मामले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की।वहीं बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) हिसार ने भी जिला उपायुक्त के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपते हुए पुलिस कार्रवाई और इसके तरीके पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।एडवोकेट रजत कलसन उनके दोनों साथी वकीलों को जमानत मिलने के आदेश के बाद न्यायालय परिसर हिसार में अधिवक्ताओं ने लड्डू बांटकर इसे संविधान और न्यायिक प्रक्रिया की जीत करार दिया। अधिवक्ता विनोद गुरी ने कहा कि सरकार राजनीतिक लाभ के लिए एडवोकेट रजत कलसन को मोहरा बनाकर समाज में तनाव फैलाना चाहती है। पुलिस को एक औजार की तरह इस्तेमाल कर दलित-पिछड़ा वर्ग के सामाजिक कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज कर रही है।सरकार के एक मंत्री की लगातार आ रही बयानबाजी से यह आशंका बनी हुई है कि इस प्रकार की दमनात्मक कार्रवाई आगे भी जारी रह सकती है।एडवोकेट बजरंग इंदल सदस्य, जिला बार एसोसिएशन, हिसार

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