
श्रावण माह के अंतिम सोमवार 4 अगस्त को बंक नाथ अटल दरबार की शाही सवार
रिपोर्टर दिलीप कुमरावत MobNo 9179987597
मनावर। (जिला धार) स्थानीय अतिप्राचीन बंक नाथ अटल दरबार की शाही सवारी श्रावण माह के अंतिम सोमवार 4 अगस्त को नगर के परम्परागत मार्गो से निकाली जाएगी। श्रावण के प्रति सोमवार को यहां बाबा भोलेनाथ की भव्य पालकी निकाली जाती है जिसमें भारी तादाद में भक्त शामिल होते हैं। अंतिम सोमवार को शाही सवारी निकाली जाती है। बताया जाता है कि प्रति सोमवार को निकलने वाली पालकी में विराजित मुखौटा अष्टधातु का 20 किलोग्राम का है। महाकालेश्वर उज्जैन, धारेश्वर धार के बाद मनावर में बंकनाथ अटल दरबार का माना जाता है। नगर के बुजुर्गों का कहना हैं कि श्रावण सोमवार की पालकी 100 से अधिक वर्षों से निकाली जा रही है। मांझी समाज के यूवाओ द्वारा कांधे पर पालकी उठाई जाती है।श्रावण माह के अंतिम सोमवार को शाही सवारी निकाली जाती है। वर्ष 2005 से इसे राजसी सवारी का दर्ज़ा दिया गया। जो नगर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरती है और रात्रि में महाआरती के साथ समाप्त होती है। बाबा भोलेनाथ अपने लाव लश्कर के साथ भक्तों से रूबरू होने गाजे बाजे के साथ भव्य पालकी में सवार होकर ठाट बाट से निकलते है। इस अवसर पर मंदिर को भव्य सजाया जाता है। बाबा भोलेनाथ आकर्षक शृंगार किया जाता। शाही सवारी का नगर के प्रमुख मार्गों पर भव्य स्वागत किया जाता हैं।
इस वर्ष के मुख्य आकर्षण : फ्लावर फाइन डांस इंदौर,तिरूपति बालाजी हरियाणा, गायक युवराज पंवार राजस्थान, गायिका अक्षितासिंह राजपुत उज्जैन, नासिक ढोल, गोरील्ला मेन इंदौर, विराट रूप महाकाली हरियाणा, अघोरी रूप हरियाणा, सोनू पाटीदार बोलबम मनावर, अखाडा मनावर,स्कान किर्तन टीम इंदौर, हेगींग फ्लावर डांस इंदौर, देशभक्ति डांस झाकी इंदौर, आदिवासी नृत्य टीम बाग, निमाड ढोल बडगॉवखेडी तथा आकर्षक झलकियां रहेगी। करीब 3 किलोमीटर का पैदल भ्रमण किया जाता हैं।
इस अवसर पर सांसद, विधायक, नपा अध्यक्ष, जनप्रतिनिधि, आयोजक समिति के सदस्य, प्रशासनिक अधिकारी बाबा
भोलेनाथ की आराधना कर कंधा देकर मंदिर से चल समारोह के लिए ससम्मान रवाना करते है।भोलेनाथ की शाही सवारी को देखने नगर के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण इलाकों से श्रद्धालु पहुंचते है। शाही सवारी का भाजपा, कांग्रेस और सामाजिक संगठनों द्वारा मंच लगाकर पुष्प वर्षा से स्वागत सम्मान किया जाता है। नगर के युवा रास्ते भर ढोल, मंजीरे, ढोलक, डमरू,और ताशे पर जमकर नाचते हैं। भारी संख्या में पुरुष महिलाएं और युवा ड्रेसकोड में साफ़ा बांधकर सम्मिलित होते है। बंकनाथ मंदिर से शाही सवारी प्रारंभ होकर जूनी मनावर से दुर्गा मंदिर, नाला प्रागंण, क्रांति चौपाटी, टावर चौराहा, अंबेडकर चौराहा, गांधी चौराहा, सदर बाजार, मालवी चौपाटी, गणेश चौपाटी, जूनी मनावर होते हुए देर रात तक वापस बंकनाथ मंदिर लौटती है। जहां महाआरती के साथ समापन किया जाता है। जगह जगह बंकनाथ अटल दरबार की पालकी की पूजा अर्चना कर स्वागत सत्कार किया जाता हैं। सदर बाजार स्थित गुप्तेश्वर कांच मंदिर, नरसिंह मंदिर, जूनी मनावर स्थित खेड़ापति हनुमान बाबा सा का मंदिर समिति द्वारा आरती और महा प्रसादी का वितरण किया जाता हैं। जगह जगह फल फरियाली केशरयुक्त दूध, शीतल पेय और शुद्ध पेयजल के स्टाल लगाए जाते है। श्रद्धालुओं द्वारा मनोकामना कि जाती है। 3 किलो मीटर लंबा सवारी का सफर 8 से 10 घंटे में पूर्ण होता है, मगर अंत तक उत्साह में कोई कमी नहीं आती।