
*दुर्घटना को दावत देता स्वास्थ्य विभाग के जर्जर भवन का दीवार।*
*लोगों के जान की आफत बन सकती है जर्जर भवन की दीवार।*
*दुर्घटना के बाद खुलेगी प्रशासन की नींद?*
डुमरियागंज- जिले में रुक-रुक कर मानसून की बारिश जारी है जिसके कारण जगह-जगह जल भराव से परेशानी बढ़ गई है।
*वहीं नगर पंचायत डुमरियागंज में जर्जर हो चुके भवन भी लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं महज चन्द रुपए भाड़ा बचाने के लालच में कुछ अल्प वेतन भोगी कर्मचारी जर्जर हो चुके भवनों में अपना आशियाना बनाने को मजबूर हैं वहीं विभाग के जिम्मेदार अपने-अपने कान में तेल डालकर आंखों में पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं और जर्जर भवन को ध्वस्तु कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं बारिश के दौरान जर्जर भवन लोगों के लिए काल बन सकते हैं।*
*बुधवार को हुई बारिश में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डुमरियागंज के कैंपस में स्थित एक जर्जर आवास का छत अचानक भर भरा कर गिर गया और इसकी दीवारों मे दरारें पड़ गई हैं दीवारें व्यस्ततम रास्ते की ओर लटकी हुई हैं और कभी भी गिर सकती हैं और उधर से गुजरने वाले लोगों के जिंदगी पर भी खतरा मर्डर रहा है।*
*मुहल्ले के लोगों में खराब मौसम और बारिश में किसी अनहोनी की सम्भावना सताने लगती है।*
*नागरिक सुरक्षा के तहत ऐसे जर्जर भावनों को ध्वस्त करने का जिम्मा …का है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी वह लापरवाही से लोगों की जिंदगी खतरे में है।*
*नगर पंचायत के कुलदीप, राजू अनिल कुमार, एजाज़, विजय कुमार आदि ने जिम्मेदारों से शीघ्र जर्जर दिवारों को ध्वस्त कराने का मांग किया है।*
मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिद्धार्थनगर को फोन करने पर उनके ड्राइवर द्वारा बताया गया कि सीएमओ साहब डीएम साहब के मिटिंग में हैं।
*इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी के लिए उपजिलाधिकारी डुमरियागंज डा0 संजीव दीक्षित को फोन करने पर उन्होंने बताया कि मै अभी तुरंत नगर पंचायत व स्वास्थ्य विभाग से बात करता हूँ और उस को शीघ्र ध्वस्त कराने की कार्यवाही कराता हूँ।*