
कुशीनगर / हाटा, आज दिनक 10.06.24 को गांव सकरौली पोखराटोला में कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गन्ना विकास के लिए 20 हज़ार कुंटल गन्ना बीज का वितरण किया गया।
गन्ने का कैंसर है काना रोग।
किसानों को गन्ने मैं लगने वाले कीट रोग नियंत्रण गन्ना फसल सर्वेक्षण, खरपतवार नियंत्रण, सिंचाई,गन्ने मैं कृषि यंत्रों के प्रयोग से लाभ, आदि विषय मे जानकारी देने के लिए उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान ट्रेनिंग केंद्र पिपराईच गोरखपुर द्वारा हाटा विकास खण्ड के गांव सकरौली पोखराटोला मे गन्ना फ़सल, गन्ना सर्वेक्षण विषयो में गन्ना गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रगतिशील किसान श्री छोटे लाल जी ने किया।
संचालन गन्ना प्रबंधक श्री देवेश गिल ने किया।
इस अवसर पर गन्ना संस्था पिपराइच के सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि गन्ना उत्पादन बढ़ाने मैं सिंचाई का 20% योगदान है इसलिए अपने गन्ने का भरपूर सिंचाई करें। सभी किसान अपने गन्ने फसल का सर्वेक्षण देख ले, बाद मे शिकायत ना रहें। शिवरही गन्ना शोध के वरिष्ठ कीट वैज्ञानिक डॉक्टर विनय मिश्रा ने बताया कि माथमुडिया कीट नियंत्रण के लिए कॉरेजन या जायकोर या हेलिप्रो 150 एम एल को 400 लीटर पानी घोलकर जड़ों के पास द्रांचिंग करो, सिचाई पहले करे, ट्राइकोडरमा से लाभ बताए।
ढाढा चीनी मिल के अध्यासी अध्यक्ष श्री करन सिंह जी ने सहायक निदेशक को बताया कि गन्ना विकास के लिए गेट एरिया में बीस हजार कुंटल गन्ना बीज रीड पर वितरण किया गया है, जिससे गन्ना रकबा बढ़ा है।
सेवरहाई गन्ना रिसर्च के वरिष्ठ पादप रोग वैज्ञानिक डॉक्टर Y P Bharti ने बताया गन्ने का कैंसर है रेड रोट,उन्होंने कैंडुआ रोग से प्रभावित गाना पौधा दिखाकर समझाया।
गन्ना प्रबंधक देवेश गिल गन्ना विकास अधिकारी विजय चौधरी ने गन्ना सर्वेक्षण तथा विकास योजनाओं पर वार्ता की ।
प्रमुख कृषक पूर्व प्रधान पिंटू सिंह बी डी सी सदस्य छोटेलाल गणेश प्रजापति दिनेश रमपित ओम प्रकाश मुकेश आदि उपस्थित रहे।