
नीमच। पूर्व सांसद एवं प्रख्यात साहित्यकार बालकवि बैरागी जी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे | वे राष्ट्रीय कवि होने के साथ-साथ सफल राजनेता भी थे | उन्होंने अपने जीवन में साहित्य को सर्वोपरि स्थान दिया | उक्त उद्गार ज्ञानोदय संस्थान द्वारा संचालित बालकवि बैरागी महाविद्यालय के एक कार्यक्रम में बैरागी जी की पुण्यतिथि पर संस्था की निदेशिका एवं ज्ञानोदय यूनिवर्सिटी की कुलाधिपति डॉ. माधुरी चौरसिया ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि दादा बालकवि बैरागी जी ने मालवी एवं हिंदी कविताओं के माध्यम से कवि सम्मेलन में लगभग 50 वर्षों तक काव्यपाठ कर मालवा के गौरव को बढ़ाया | वहीँ राजनीति में मंत्री, विधायक एवं सांसद के रूप में सक्रिय रहकर समाज सेवा भी की।
ज्ञानोदय ज्ञानोदय ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट के चेयरमैन अनिल चौरसिया ने दादाभाई बैरागी को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बैरागी दादा आदर्श राजनेता एवं श्रेष्ठ व्यक्तित्व के धनी थे। ज्ञानोदय संस्थान उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें स्मरण करते हुए बैरागी जी के बताए हुए आदर्श पर चलने का संकल्प लेता है। दादा का सपना था कि ज्ञानोदय विश्वविद्यालय का रूप ले, आज वह संकल्प पूरा होने जा रहा है। ज्ञानोदय संस्थान दादा बालकवि बैरागी को विनम्र श्रद्धा सुमन अर्पित करता है |
बालकवि बैरागी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र शक्तावत ने बैरागी जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दादा बैरागी की सहजता, विनम्रता एवं उदारता उल्लेखनीय है | उनके संपर्क में जो भी आया उनके व्यक्तित्व से प्रभावित हुआ।
कार्यक्रम में ज्ञानोदय महाविद्यालय के नर्सिंग विभाग के प्राचार्य डॉ. दिनेश पाटीदार, आईटीआई के प्राचार्य एच.एस. राठौर, जीआईआईएमटी उप प्राचार्य डॉ विनीता डॉवर, जीआईपीएस के उप प्राचार्य श्री सुरेंद्र पांडे व समस्त विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण व विद्यार्थी उपस्थित थे।