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फलोदी जिला तो बन गया है लेकिन किसानों की मंडी में अपनी फसल कैसे बेचें तथा फसल कि क्वालिटी कैसी है मंडी में प्रयोग शाला में क्या होता है किसानों को क्या फायदा मिलेगा अपनी फसल प्रयोगशाला में टेस्ट कराने से तथा बोली लगाने वाला व्यक्ति कब निर्धारीत रेंट लगा कर अपनी बोली बंद करें ये सभी नियम विधि कि जानकारी फलोदी मंडी में आने वाले किसानों को नहीं है इसी कारण किसानों की फसल का रूपये व्यापारी नहीं लगाते है किसान व्यापारी द्वारा लगाईं गई फसल को ही सही रेंट समझ कर चुपचाप किसान रहता है यदि फलोदी मंडी में बोली के दौरान मंडी का सरकारी कर्मचारी व्यापारीयों के साथ रह कर तथा मंडी प्रशासन द्वारा प्रत्येक किसान की फसल प्रयोगशाला में टेस्ट कराने की सुविधाएं सुनिश्चित कर खरीददारी की जाये तो किसान को फसल का दाम सही मिल सकता है आज फलोदी मंडी में एक किसान आज रायड़ा का सेंपल प्रयोगशाला लेकर पहुंचा लेकिन प्रयोगशाला में कोई कर्मचारी नहीं मिला जिस कारण फ़सल का सेंपल वापस लेकर आया तथा अपनी फसल व्यापारी की मनमर्जी अनुसार बैचेन पर मजबूर होना पड़ा किसान अशोक ने बताया की अभी किसानों को प्रयोगशाला आदि की जानकारी नहीं है इसलिए किसान अपनी फसल व्यापारी के द्वारा लगाए गए दाम पर बेच रहे हैं