
कटनी : यह तस्वीर कटनी के पिपरोध के पास मेन सड़क की है जहाँ एक ओर सी एम दौरे पर कटनी जिला प्रश्नसान पूरी ताकत झोक दी थी तो वही खराब सडके हकीकत वया कर रही है देश की तरक्की का अंदाजा उसकी सड़कों से लगाया जा सकता है, लेकिन अगर हम आज अपने गांव, कस्बों और शहरों की सड़कों की हालत देखें, तो यह तस्वीर बहुत निराशाजनक है। गड्ढों से भरी, टूटी-फूटी और धूल-मिट्टी से अटी पड़ी सड़कों पर चलना न केवल मुश्किल है, बल्कि जानलेवा भी साबित हो रहा है।
दुर्घटनाओं का कारण बनती जर्जर सड़कें
खराब सड़कों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। बाइक और साइकिल सवार सबसे अधिक शिकार होते हैं। बरसात के मौसम में यह समस्या और भी भयावह हो जाती है क्योंकि गड्ढों में भरा पानी गहराई को छुपा देता है, जिससे वाहन चालक फिसल कर गिर जाते हैं।
स्वास्थ्य और समय दोनों पर असर
खराब सड़कों से न केवल यात्रा समय बढ़ जाता है, बल्कि मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाना भी कठिन हो जाता है। धूल और गंदगी से लोग सांस संबंधी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं।
विकास कार्यों में लापरवाही
कई बार देखा गया है कि सड़क निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया जाता है या निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग होता है, जिससे कुछ ही महीनों में सड़कें फिर से खराब हो जाती हैं। इससे जनता का टैक्स का पैसा व्यर्थ जाता है।
प्रशासन की उदासीनता
जनता कई बार शिकायतें करती है, लेकिन जिम्मेदार विभाग केवल आश्वासन देकर मामले को टाल देते हैं। कई इलाकों में वर्षों से सड़कों की मरम्मत नहीं हुई है।
समाधान की दिशा में कदम जरूरी
अब समय आ गया है कि सरकार और संबंधित विभाग इस गंभीर समस्या पर ध्यान दें। नियमित निरीक्षण, गुणवत्ता पूर्ण निर्माण, और समय पर मरम्मत जैसे उपायों को अपनाया जाए। साथ ही जनता को भी जागरूक होकर अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए।