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Monsoon 2024- टिटहरी ने दिएMonsoon 2024- टिटहरी ने दिए 4 अंडे: राजस्थान में मानसून को लेकर आई गुड न्यूज, होगी झमाझम बारिश!Monsoon in Rajasthan: चूरू। साहवा कस्बे सहित आसपास के गांवों में किसानों ने आखा तीज परंपरागत रूप से मनाई। खेतों में जाकर किसानों ने हळसोतिया किया और धरती मां की पूजा कर शगुन लिए। शुक्रवार शाम को एकाएक हुई बारिश को किसानों ने फसल अच्छी होने की संभावना जताई। किसानों ने अक्षय तृतीया पर बारिश के आने को शुभ संकेत माना।शुक्रवार को दिनभर गर्मी रही लेकिन अखातीज में बरसात के रूप में मिले शुभ संकेतों को किसानों ने मानूसन अच्छा माना। दिन में खेतों में गए किसानों ने धरती और आसमान की रंगत देखी तो शाम साहवा सहित आसपास के क्षेत्र में तेज हवा के साथ उमड़ते आए बादलों ने देखते ही देखते आसमान को घेर लिया। तेज हवा के साथ शुरू हुई बूंदाबांदी व बौछारों से प्यासे पेड़ पौधे झूमते हुए नजर आए।आखा तीज के दिन वर्षा होना शुभ संकेत किसानों ने कहा कि इस पावन दिन हुई शुभ शुगून की वर्षा का धरती ने बाहें फैला कर स्वागत किया। गांव रैयाटुण्डा के प्रगतिशील किसान दुलाराम सिहाग, साहवा के मदनलाल सैनी, दुरजाना के बनवारीलाल बेरड़, वयोवृद्ध किसान मोहनलाल सुथार आदि ने आखा तीज के दिन हुई वर्षा को अति उत्तम शुभ बताते हुए कहा कि इस वर्षा से होने वाले लाभ हानि पर प्रचलित एक कोथ ,, सौ सांडां सौ टोरड़ा, पूत सपूती जोय, मेहवा तो बरसत भला होनी हो जो होय।वेद पुराणों के जानकार बताते हैं कि इस दिन कोई भी शुभ काम बिना पंचांग देखे किया जा सकता है. इसी दिन किसान खरीफ की खेती का काम भी शुरू करते हैं और साल भर मौसम कैसा रहेगा इसका पता भी सुबह से रात तक के प्रकृति से मिलने वाले संकेतों के आधार पर लगा लेते हैं। किसान इस दिन हुई वर्षा से जमीन व उस पर बने मिट्टी के ढेले गीले होने के आधार पर पता लगा लेते हैं कि इस वर्ष कौनसे माह में कितनी वर्षा होगी।शगुन के जानकार लोगों की मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान वराह धरती माता को ऊपर लेकर आए थे। इसी शुभ दिन के मौके पर किसान शगुन देख कर अंदाजा लगाने का प्रयास करते हैं। अक्षय तृतीया के दिन किसान मिट्टी की चार ढेले अपने खेतों से लाते हैं और सभी मिट्टी के ढेलों का महीनों के हिसाब से नामकरण करते हैं. जिसमें आषाढ़, सावन, भादों और कुआंर. चारों महीने की मिट्टी के टीले में जो जिस तरीके से गीला होता है, उस हिसाब से किसान मान लेते हैं कि कितनी बारिश किस महीने में संभावित है। अक्षय तृतीया को भगवान श्रीपरशुराम का अवतरण दिवस है उस दृष्टी से भी इस दिन किए हुए सारे काम शुभ माने जाते हैं।टिटहरी ने ऊंचे स्थान पर दिए अंडे ग्रामीणों सहित किसानों तथा सामाजिक कार्यकर्ता शंकरलाल फुलवारीया ने बताया कि अब की बार खेतों में बैठने वाला पक्षी टिटहरी जो अंडे देती है, वह ऊंची जगह पर दिए हुए हैं। जिससे अच्छा शुगुन माना गया तथा ऊंचे स्थान पर टिटहरी पक्षी द्वारा अंडा देना आने वाला वर्ष धन-धान्य से भरपूर होगा। मानसून अच्छा होगा, जिससे किसान मालामाल होगा, ऐसा माना जाता है। अगर टिटहरी ऊंचे स्थान पर चार अंडे देती है तो माना जाता है कि मानसून चार माह तक रहेगा, जो अच्छी बारिश का संकेत है। 4 अंडे: राजस्थान में मानसून को लेकर आई गुड न्यूज, होगी झमाझम बारिश!Monsoon in Rajasthan: चूरू

Monsoon 2024- टिटहरी ने दिए 4 अंडे: राजस्थान में मानसून को लेकर आई गुड न्यूज, होगी झमाझम बारिश!Minsoon in Rajasthan: चूरू। साहवा कस्बे सहित आसपास के गांवों में किसानों ने आखा तीज परंपरागत रूप से मनाई। खेतों में जाकर किसानों ने हळसोतिया किया और धरती मां की पूजा कर शगुन लिए। शुक्रवार शाम को एकाएक हुई बारिश को किसानों ने फसल अच्छी होने की संभावना जताई। किसानों ने अक्षय तृतीया पर बारिश के आने को शुभ संकेत माना।शुक्रवार को दिनभर गर्मी रही लेकिन अखातीज में बरसात के रूप में मिले शुभ संकेतों को किसानों ने मानूसन अच्छा माना। दिन में खेतों में गए किसानों ने धरती और आसमान की रंगत देखी तो शाम साहवा सहित आसपास के क्षेत्र में तेज हवा के साथ उमड़ते आए बादलों ने देखते ही देखते आसमान को घेर लिया। तेज हवा के साथ शुरू हुई बूंदाबांदी व बौछारों से प्यासे पेड़ पौधे झूमते हुए नजर आए।आखा तीज के दिन वर्षा होना शुभ संकेत

किसानों ने कहा कि इस पावन दिन हुई शुभ शुगून की वर्षा का धरती ने बाहें फैला कर स्वागत किया। गांव रैयाटुण्डा के प्रगतिशील किसान दुलाराम सिहाग, साहवा के मदनलाल सैनी, दुरजाना के बनवारीलाल बेरड़, वयोवृद्ध किसान मोहनलाल सुथार आदि ने आखा तीज के दिन हुई वर्षा को अति उत्तम शुभ बताते हुए कहा कि इस वर्षा से होने वाले लाभ हानि पर प्रचलित एक कोथ ,, सौ सांडां सौ टोरड़ा, पूत सपूती जोय, मेहवा तो बरसत भला होनी हो जो होय।वेद पुराणों के जानकार बताते हैं कि इस दिन कोई भी शुभ काम बिना पंचांग देखे किया जा सकता है. इसी दिन किसान खरीफ की खेती का काम भी शुरू करते हैं और साल भर मौसम कैसा रहेगा इसका पता भी सुबह से रात तक के प्रकृति से मिलने वाले संकेतों के आधार पर लगा लेते हैं। किसान इस दिन हुई वर्षा से जमीन व उस पर बने मिट्टी के ढेले गीले होने के आधार पर पता लगा लेते हैं कि इस वर्ष कौनसे माह में कितनी वर्षा होगी।शगुन के जानकार लोगों की मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान वराह धरती माता को ऊपर लेकर आए थे। इसी शुभ दिन के मौके पर किसान शगुन देख कर अंदाजा लगाने का प्रयास करते हैं। अक्षय तृतीया के दिन किसान मिट्टी की चार ढेले अपने खेतों से लाते हैं और सभी मिट्टी के ढेलों का महीनों के हिसाब से नामकरण करते हैं. जिसमें आषाढ़, सावन, भादों और कुआंर. चारों महीने की मिट्टी के टीले में जो जिस तरीके से गीला होता है, उस हिसाब से किसान मान लेते हैं कि कितनी बारिश किस महीने में संभावित है। अक्षय तृतीया को भगवान श्रीपरशुराम का अवतरण दिवस है उस दृष्टी से भी इस दिन किए हुए सारे काम शुभ माने जाते हैं।टिटहरी ने ऊंचे स्थान पर दिए अंडे

ग्रामीणों सहित किसानों तथा सामाजिक कार्यकर्ता शंकरलाल फुलवारीया ने बताया कि अब की बार खेतों में बैठने वाला पक्षी टिटहरी जो अंडे देती है, वह ऊंची जगह पर दिए हुए हैं। जिससे अच्छा शुगुन माना गया तथा ऊंचे स्थान पर टिटहरी पक्षी द्वारा अंडा देना आने वाला वर्ष धन-धान्य से भरपूर होगा। मानसून अच्छा होगा, जिससे किसान मालामाल होगा, ऐसा माना जाता है। अगर टिटहरी ऊंचे स्थान पर चार अंडे देती है तो माना जाता है कि मानसून चार माह तक रहेगा, जो अच्छी बारिश का संकेत है।

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