अनिल फिरोजिया की नामांकन रैली में शामिल हुए CM मोहन यादव
उज्जैन:उज्जैन संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ गई हैं। गुरुवार से नामांकन फॉर्म भरने का सिलसिला शुरू होने के साथ ही भाजपा और कांग्रेस अपनी अपनी राजनीतिक ताकत फूंकने पर जोर लगा रहे। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 22 अप्रैल को शहर आए और रोड शो के माध्यम से प्रचार पर ताकत फूंकी ।उज्जैन पहुंचकर पार्टी प्रत्याशी अनिल फिरोजिया के नामांकन में शामिल होकर जनसभा को संबोधित किया ।
सबसे पहले वे भाजपा के संभागीय मीडिया सेंटर का शुभारंभ किया । इसके बाद दोपहर में सिंधी कॉलोनी स्थित हेमू कालानी उद्यान से शुरू होने वाली नामांकन रैली व रोड में शामिल हुए ।
लोकसभा सीट पर इस बार पार्टी ने सांसद अनिल फिरोजिया को दूसरी बार मैदान में उतारा है। कांग्रेस से तराना विधायक महेश परमार मैदान में किला लड़ा रहे हैं। उज्जैन सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। इस कारण पार्टी अभी उन सीटों पर फोकस कर रही जहां उसकी स्थिति कमजोर है।
डॉ. जटिया के नाम सबसे ज्यादा जीतने का रिकॉर्ड
उज्जैन लोकसभा सीट से सर्वाधिक बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड डॉ. सत्यनारायण जटिया के नाम है। उन्होंने पहला चुनाव 1980 में जनता पार्टी के टिकट से लड़कर जीता था। इसके बाद 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004 का लोकसभा चुनाव लगातार जीता। 2009 के चुनाव में उन्हें कांग्रेस नेता प्रेमचंद गुड्डू ने हरा दिया था। हालांकि अगले चुनाव में भाजपा के चिंतामणी मालवीय ने उन्हें हराकर हिसाब बराबर कर दिया था।
भाजपा का गढ़ है उज्जैन संसदीय सीटमहाकाल की नगरी और मध्य प्रदेश की धर्मधानी उज्जैन का लोकसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है। 17 में से 12 लोकसभा चुनावों में यहां भाजपा या इसके मातृ संगठन जनता पार्टी व भारतीय जनसंघ के प्रत्याशियों को जीत मिली। वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से ही इसकी नींव पड़ गई थी। जनसंघ के बाद भाजपा ने इस लोकसभा क्षेत्र में लगातार अपना परचम लहराया। 1967 में सीट एससी के लिए आरक्षित हुई, डॉ. जटिया सात बार जीते। 1984 में कांग्रेस के सत्यनारायण पंवार चुनाव जीते थे पर अपनी जीत को वे अगली बार वर्ष 1989 के चुनाव में दोहरा नहीं पाए।