A2Z सभी खबर सभी जिले कीUncategorized

अबकी बार किसके सिर पर ताज बस्ती का ताज*

*अबकी बार किसके सिर पर ताज बस्ती का ताज*

बस्ती। लोक सभा सीट पर 2019 वाले प्रतिद्वंदी आमने-सामने है मगर फर्क सिर्फ इतना है की प्रतिनिधि का दल बदल गया।
पिछली बार हाथी की सवारी कर रहे थे इस बार साइकिल की सवारी कर भाजपा प्रत्याशी को टक्कर देने आए हैं तो इस बार बसपा से चुनाव मैदान में उतरकर लवकुश पटेल ने ऐसा दावा पेश किया कि सपा व भाजपा के लिए मुश्किलें हो रही हैं ।

2019 का परिणाम

हरीश द्विवेदी भाजपा = 471163 मत

Related Articles

राम प्रसाद चौधरी बसपा – 440808

राजकिशोर कांग्रेस – 86920

बस्ती 2019 में भाजपा ने हरीश द्विवेदी को प्रत्याशी बनाया था, और वह चुनाव जीते थे इस बार भी भाजपा ने उन्हें मौका दिया है उनके मुकाबले में सपा से गठबंधन प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी है राम प्रसाद चौधरी कुर्मी बिरादरी के बड़े नेता हैं और वह प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री रह चुके हैं वह लंबे समय तक बसपा की राजनीति करते रहे हैं मगर लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी का दामन थाम लिए हैं।
तो वहीं बसपा के पूर्व विधायक जितेंद्र कुमार उर्फ नंदू चौधरी के पुत्र भी इस बार चुनाव मैदान में है उन्होंने बसपा से टिकट हासिल कर लिया है इसलिए यह चुनाव और दिलचस्प हो गया है।
बस्ती में अति पिछड़ों की संख्या अधिक है, ब्राह्मणों की भी तादाद काफी है और वह पिछले चुनाव में भाजपा के साथ ही बताए जाते थे, यादव और मुस्लिम में मगर उनका वोट निर्णायक नहीं होता है बल्कि जीत हार के अंतर को प्रभावित करता है।
बस्ती में चुनावी लड़ाई दिलचस्प होने के आसार हैं, पिछले चुनाव में राम प्रसाद चौधरी मात्र 30000 वोट से ही हारे थे लेकिन तब सपा बसपा का गठबंधन भी था, मगर अब बसपा भी चुनाव मैदान में है इसलिए इस चुनाव के हिसाब से आकलन करना गैर मुनासिब होगा।
पिछला चुनाव हरीश द्विवेदी व राम प्रसाद चौधरी के बीच था मगर इस बार बसपा से लवकुश पटेल ने इस त्रिकोणीय बना दिया है, वैसे जानकार भी मान रहे हैं कि अगर लव कुश पटेल मजबूती से चुनाव लड़ गए तो फिर नुकसान सपा प्रत्याशी को ही ज्यादा होगा क्योंकि वह उनके ही वोट बैंक में हमला करेंगे।
बस्ती संसदीय सीट पर कुर्मी बिरादरी की संख्या ज्यादा है और वह भी निर्णायक भूमिका में होते हैं लेकिन स्वर्ण भी कम नहीं ब्राह्मण व क्षत्रियों की संख्या भी अच्छी खासी है, और वह चुनाव का रुख तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं यह चुनाव पिछले चुनाव से थोड़ा अलग है पिछड़ों का रुख और स्वर्णो का रुझान इस चुनाव में जीत हार की इबारत लिखेगा।

AKHAND BHARAT NEWS

AKHAND BHARAT NEWS
Back to top button
error: Content is protected !!