
जौनपुर। देश के प्रख्यात साहित्यकार कवि कृष्णकांत “एकलब्य” की 84 वीं जयंती पर आज नगर के रुहट्टा मोहल्ले में स्थित उनके आवास पर मनाई जाएगी। इस मौके पर शाम पांच बजे से काव्यपाठ का आयोजन किया गया है। जिसमे देश के जानेमाने कवि और शायर अपनी रचनाओं के माध्यम से एकलब्य जी को अपनी श्रद्धांजलि देंगे। स्व एकलव्य जी की रचित दर्जनों पुस्तके जो राष्ट्रीय स्तर पर जानी जाती हैं जिनमे प्रमुख रूप से
“एकलब्य” कुर्सी का स्वर्ग, . छिपकली की लाश, . एकलव्य के व्यंग बाण,समेत दर्जनों व्यंग साहित्य देश स्तर पर सराही गई।
कृष्णकांत “एकलब्य” जी का जन्म 27 फरवरी 1940 को जौनपुर के सिकरारा ब्लाक के छोटे से कसनही गांव में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा गांव में हुई थी। उच्चतम माध्यमिक शिक्षा पूर्ण कर शहर में आकर एम०ए० हिन्दी (साहित्य) की उपाधि प्राप्त किए। छात्र जीवन से ही यह अत्यंत मेधावी रहे। सरकारी सेवा में रहते हुए भी इन्होंने काव्य लेखन में विशेष रुचि लिया सरकारी सेवा के साथ-साथ यह बराबर अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को भी उजागर करते रहे और लोगों को मार्गदर्शन भी देते रहे।
साहित्य की मुख्यधारा के समान्तर हो व्यंग-लेखन में राष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मान से नवाजे गए। विद्वान साहित्यकार रचनाकार व्यंग कर एकलव्य जी ने अपने अंतिम दिनों तक लखनी का कार्य करते रहे और 5 मई 1917 को इस दुनियां से अलविदा कह दिया। उनके समकालीन साहित्यकार रचनाकार आज भी इन्हें भूल नहीं पाए हैं और उनकी कमी हमेशा इनको खलती रहती है ।इनकी
प्रकाशित कृतियाँ-
मुख्य धारा- 1. शिएन (नवलेखन), 2. गीत गंधी हूँ मैं, 3. सीता का अग्निवेस, 4. स्मृति के झरोखे, 5. सोन चिरइया (अवधी लोक भाषा), 6. विश्वरथ (विश्वामित्र) प्रबन्ध काव्य, 7. व्यक्ति और अभिव्यक्ति के आयाम (आलोचनात्मक)
व्यंग्य साहित्य-
1. कुर्सी का स्वर्ग, छिपकली की लाश, एकलव्य के व्यंग बाण, पूर्वांचल का हास्य-व्यंग्र,. स्मृतिशेष हास्य-व्यंग्य पुरोधा, लोकतंत्र से भोग तंत्र तक, हिन्दी की प्रमुख व्यंग्य लेखिकाएँ।
भारत विख्यात पत्रिका ‘व्यंग्य-तरंग’ का पिछले 17 वर्षों तक कुशल सम्पादक के रूप में कार्य करते रहे।इस दौरान इन्हें कई राष्ट्रीय स्तर के सम्मान से अलंकृत किया गया था।जिनमे कुछ इस तरह से है।
प्राप्त पुरस्कार/सम्मान-
रोटरी राज भाषा सम्मान (नई दिल्ली), रामानुज पुरस्कार सम्मान, कादम्बरी हिन्दी संस्थान, जबलपुर (म०प्र०), हास्य-व्यंग विशिष्ट सम्मान संस्था तरूण समाज जयपुर (राज.), कबीर सम्मान, परियावा प्रतापगढ़ (उ०प्र०), पूर्वांचल गौरव अलंकरण, काशी (वाराणसी), राहुल सांकृत्यायन सम्मान पुरस्कार, आजमगढ़ (उ०प्र०), आल इण्डिया जर्नलिस्ट एशोसिएशन सम्मान, व्यंग्य सम्मान, पत्रकार संघ, जौनपुर (उ०प्र०), शिराजेहिन्द जौनपुर सम्मान सहित लगभग सारे हिन्दी प्रदेशों ओर पूर्वाचल के अतिरिक्त जनपद के अर्थ शतक पुरस्कार सम्मानों से अलंकृत।