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सब्र का फल मीठा… तो राज्यसभा में पाली का बढ़ जाएगा दबदबा।सब्र का फल मीठा होता है, यह

सब्र का फल मीठा… तो राज्यसभा में पाली का बढ़ जाएगा दबदबा।सब्र का फल मीठा होता है, यह भाजपा नेता मदन राठौड़ के लिए उपयुक्त साबित हो गया। भाजपा ने मदन राठौड़ को राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किया है। पूर्व विधायक राठौड़ का नाम कइयों के लिए चौंकाने वाला जरूर हो सकता है, लेकिन इसकी पटकथा विधानसभा चुनावों के दौरान ही लिख दी गई थी। विधानसभा चुनाव में बगावती तेवर दिखाने पर राठौड़ को आलाकमान ने सब्र रखने की सलाह दी थी। राठौड़ मान भी गए और चुनाव मैदान से खुद को हटा लिया था। इस घटनाक्रम के 12 दिन बाद चुनावी रैली को संबोधित करने आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जाडन में रैली के दौरान मंच पर राठौड़ को इशारों ही इशारों में खास तवज्जो दी थी।उस दिन के बाद से राठौड़ के लिए पार्टी में अहम ओहदे की तलाश शुरू हो गई थी। पार्टी ने सोमवार को राज्यसभा के लिए दो उम्मीदवारों की घोषणा की, इसमें राठौड़ को सब्र का फल मिल गया।तो राज्यसभा में पाली का बढ़ जाएगा दबदबा

मदन राठौड़ निर्वाचित हुए तो राज्यसभा में पाली का दबदबा बढ़ जाएगा। वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, नीरज डांगी राज्य सभा के सदस्य और पाली जिले के मूलनिवासी है। राठौड़ के निर्वाचन से यह संख्या तीन हो जाएगी।

ओबीसी वोट बैंक को साधा

राठौड़ को प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने लोकसभा चुनाव में ओबीसी वोटबैंक को साधने की कोशिश की है। पाली में ओबीसी के मतदाता काफी तादाद में है। राठौड़ के निर्वाचन से पाली, जालोर व सिरोही में भी भाजपा को अच्छे संदेश की उम्मीद है।दो बार विधायक रहे, संगठन का लंबा अनुभव

राठौड़ भाजपा के अनुभवी नेता है। वे 2003 और 2013 में सुमेरपुर से विधायक चुने गए। पिछली भाजपा सरकार में उन्हें सरकारी उप मुख्य सचेतक के रूप में राज्यंत्री का दर्जा भी दिया गया था। वे जिलाध्यक्ष समेत संगठन में विभिन्न पदों पर भी रहे हैं। कई जिलों में उन्हें प्रभारी के तौर पर काम करने का भी अनुभव रहा है। पार्टी में

AKHAND BHARAT NEWS

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