
सागर। आयुर्वेद में कुछ ऐसे पेड़ पौधों के अलावा जड़ी बूटियां भी है। जिनका प्रयोग लगभग सभी रोगों में किया जाता रहा है। आयुर्वेद से काफी लंबे समय से छोटी बीमारियों से लेकर बड़ी बीमारियों तक का इलाज संभव रहा है। आयुर्वेद इलाज में किसी प्रकार के के साइड इफेक्ट भी नहीं होते। इसी क्रम में आयुर्वेद में गुरवेल का प्रयोग किया जाता रहा है। गुरवेल खाने के बाद ऐसी कोई बीमारी है जो आसपास नहीं भटकती। गुरवेल का स्वाद बेहद कड़वा रहता है। इसे खाने के बाद बीमारियां लगभग ना के बराबर होती है। बोरवेल में काफी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है इसके अलावा इसमें एंटी एंटी फैलोमेट्री और कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से इसके इस्तेमाल से बुखार, पीलिया, गठिया, बात रोग डायबिटीज, कब्ज आदि रोगों में