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“राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025 स्वागत योग्य: अभाविप

न्यूज़ रिपोर्टर देवकरण माली

*”राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025 स्वागत योग्य: अभाविप”*

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आज राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत “कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025” का स्वागत करती है। परिषद का मानना है कि यह विधेयक प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के हितों की रक्षा करने तथा शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता व गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पिछले कई वर्षों से कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों पर अत्यधिक शुल्क, मानसिक दबाव,अव्यवस्थित व्यवस्थाएँ,परीक्षा परिणामों का दुरुपयोग और आत्महत्या जैसी गंभीर घटनाएँ सामने आती रही हैं। अभाविप लगातार यह मांग करती रही है कि इन संस्थानों पर नियंत्रण एवं विनियमन की ठोस नीति बनाई जाए। राजस्थान सरकार द्वारा लाया गया यह विधेयक विद्यार्थियों और अभिभावकों की दीर्घकालीन चिंता को दूर करेगा।।

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विधेयक की प्रमुख विशेषताएँ:

– कोचिंग संस्थानों की पंजीयन एवं मान्यता प्रक्रिया अनिवार्य।

– फीस संरचना में पारदर्शिता और नियमन।

– विद्यार्थियों पर दबाव एवं मानसिक शोषण पर रोक।

– योग्य परामर्शदाताओं और काउंसलरों की अनिवार्य नियुक्ति।

– भ्रामक विज्ञापन और परिणामों के दुरुपयोग पर कार्यवाही।

– सुरक्षा मानकों का पालन एवं छात्र-हितों की रक्षा।

अभाविप के प्रांत मंन्त्री श्री जितेंद्र लोधा ने कहा कि हमारा स्पष्ट मत है कि शिक्षा केवल व्यवसाय नहीं है, बल्कि समाज निर्माण का माध्यम है। जब कोचिंग संस्थान शिक्षा से अधिक व्यापार का रूप लेने लगे तो सरकार का हस्तक्षेप आवश्यक हो जाता है। यह विधेयक शिक्षा जगत को संतुलन और मर्यादा प्रदान करेगा। परिषद प्रदेश सरकार से अपेक्षा करती है कि इस विधेयक के क्रियान्वयन में किसी भी स्तर पर समझौता न किया जाए और एक प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित किया जाए, ताकि कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।

भीलवाड़ा महानगर मंन्री श्री कुणाल सिंह राणावत ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सभी कोचिंग संचालकों से भी अपील करती है कि वे इस विधेयक को विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक सकारात्मक अवसर के रूप में देखें और शिक्षा को व्यवसाय की बजाय राष्ट्र निर्माण का माध्यम बनाने में अपनी भूमिका निभाएँ। परिषद आशा करती है कि इस विधेयक के लागू होने से राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित होगा और विद्यार्थियों का भविष्य अधिक सुरक्षित, अनुशासित एवं उज्ज्वल बनेगा।

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