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साक्षी गोपाल मन्दिर में हुआ हजारों काठिया साधुओं का भण्डारा

रिपोर्टर मनमोहन गुप्ता कामां 9783029649

साक्षी गोपाल मन्दिर में हजारों साधुओं का भण्डारा

डीग जिले के कस्वा कामां कामवन धाम में भाद्रपद शुक्ला द्वितीया को वनयात्रा में कामवन पधारे हजारों नागा साधुओं क़े भंडारे का आयोजन साक्षी गोपाल मन्दिर तीर्थराज विमलकुण्ड कामवन पर आयोजित हुआ जिसका आयोजन कामा नगरपालिका चेयरमेन गीता खंडेलवाल क़े परिवारीजनों क़े सानिध्य में किया गया। मन्दिर महन्त सर्वेश्वर दास ने बताया कि नागा साधुओं की भोजन व्यवस्था प्रतिवर्ष सदियों से की जा रही है। आज के दिन स्नान करने का परम माहात्म्य है । आज के दिन अगर कोई पक्षी भी इसके ऊपर से निकल जाये तो उसका भी मोक्ष हो जाता है ।
गर्ग संहिता के अनुसार सिंधु देश के राजा विमल जिनके सोलह हजार एक सौ कन्यायें थी जिनका विवाह राजा विमल ने मुनि याज्ञवल्क्य की आज्ञा से भगवान श्री कृष्ण से किया। श्रीकृष्ण को राजा ने समस्त राज ,धन दौलत ,खजाना तथा स्वयं को भी कृष्णार्पण कर दिया। भगवान प्रसन्न हो गये तथा राजा विमल को सारुप्य देकर छः हजार रानियों सहित गोलोक धाम भेज दिया। समस्त कन्याओं को साथ लेकर कामवन पधारे तथा यहां वन की सुंदरता को देखकर महारास किया सोलह हजार एक सौ कृष्ण व उतनी ही राजा विमल की कन्याएं। महारास में आनंदित होकर उन कन्याओं के नेत्रों से जो प्रेम से अश्रु निकलकर इस धरा पर गिरे उनसे विमल कुण्ड का प्राकट्य हुआ।पौराणिक मान्यतानुसार ऐसा माना जाता है जब एक बार मैया यशोदा और नंद बाबा ने चार धाम यात्रा की इच्छा प्रकट की तो भगवान श्री कृष्ण ने उनके दर्शनों के लिए सभी तीर्थों को ब्रज में ही बुला लिया था तथा उनको सारे तीर्थ व चारों धाम कामवन में ही करवाये।

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