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“सामूहिक अंगदान जागरूकता एवं संकल्प” कार्यक्रम के तहत जिला कलक्टर ने अधिकारी-कर्मचारियों को स्वेच्छा से अंगदान करने का संकल्प दिलाया

रिपोर्टर दीपक शर्मा बामनवास

दौसा। राजकीय मेडिकल काॅलेज की ओर से शुक्रवार को जिला कलक्ट्रेट में सामूहिक अंगदान जागरूकता एवं संकल्प कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला कलक्टर देवेन्द्र कुमार ने अधिकारी-कर्मचारियों को स्वेच्छा से अंगदान करने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर सेल्फी बूथ भी लगाया गया, जहां जिला कलक्टर, अतिरिक्त जिला कलक्टर राम स्वरूप चौहान एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारियों ने फोटो खिंचवाकर आमजन को अंगदान के लिए प्रेरित किया।

जिला कलक्टर देवेन्द्र कुमार ने अपने स्टाफ के साथ अंगदान का संकल्प लिया और इसके महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने अंगदान के पुनित कार्य के लिए कर्मचारियों को स्वेच्छा से अंगदान करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से न केवल अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी बल्कि भारत में किडनी, हार्ट एवं लंग्स जैसे अंग न मिलने के कारण होने वाली मृत्यु दर भी कम हो सकेगी।

मेडिकल काॅलेज प्राचार्या डाॅ. सुमिता ए. जैन ने अंगदान की आवश्यकता और सामाजिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए जागरूकता संदेश दिया। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में अंगदान के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना एवं जनसामान्य को इसके लिए प्रेरित करना था। कार्यक्रम के दौरान सभी राजकीय एवं गैर-राजकीय संस्थानों में चिकित्सा संकाय, वरिष्ठ रेजिडेंट्स एवं नर्सिंग स्टाफ की टीमों ने जागरूकता सत्रों का आयोजन किया।

100 लोगों ने अंगदान के लिए संकल्प लिया
अतिरिक्त प्राचार्य डाॅ. राजेन्द्र यादव ने बताया कि इस सामूहिक संकल्प अभियान के अंतर्गत आज 100 लोगों ने अंगदान के लिए संकल्प लिया। सभी प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर इसे एक जन-आंदोलन का रूप दिया। यह आयोजन न केवल एक जागरूकता कार्यक्रम था, बल्कि मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुआ। सभी संस्थानों की सहभागिता ने इसे एक सशक्त सामाजिक अभियान का स्वरूप प्रदान किया। ब्रेन डेड व्यक्ति से ही करवाते हैंअंगदान कम्युनिटी मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डाॅ. दलजीत कौर ने अंगदान की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए बताया कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु अस्पताल में होती है और वह वेंटिलेटर पर है एवं ब्रेन डेड हो चुका है यानी ब्रेन मर चुका है तो वह व्यक्ति मरने के बाद भी शरीर के बाकी सामान्य अंगों का दान करके जिंदगियां बचा सकता है। अंगदान के बाद उस व्यक्ति का शरीर उसके परिवार जनों को सम्मानपूर्वक सौंपा जाता है। यह अंगदान केवल उन्हीं से लिया जाता है जिनकी मृत्यु एक्सीडेंट, ब्रेन ट्यूमर, इत्यादि बीमारी से हो लेकिन बाकी अंग सामान्य हो। उन्होंने बताया कि अंगदान के प्रति जागरूक करने के लिए राजकीय मेडिकल काॅलेज की टीमें विभिन्न कार्यालयों में जाकर अंगदान के संकल्प करवाने में सहयोग कर रही हैं।

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