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छोलाछाप पशु डॉक्टरों का आतंक कौशाम्बी ब्लॉक क्षेत्र में, बेजुबान पशुओं की हो रही मौत, विभाग बेपरवाह

अखंड भारत न्यूज़ कौंशाम्बी

छोलाछाप पशु डॉक्टरों का आतंक कौशाम्बी ब्लॉक क्षेत्र में, बेजुबान पशुओं की हो रही मौत, विभाग बेपरवाह

 

संवाददाता प्रभाकर मिश्र/अखंड भारत न्यूज़ कौंशाम्बी

 

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कौशाम्बी ब्लॉक क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों छोलाछाप पशु डॉक्टरों का बोलबाला है। गांव-गांव घूम रहे ये लोग खुद को पशु कर्मचारी बताकर मवेशियों का इलाज कर रहे हैं, जबकि न इनके पास इलाज की वैध अनुमति है, न ही पशु चिकित्सक की डिग्री। इनकी गलत दवाओं से अब तक कई मवेशियों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद भी,पशुपालन विभाग पूरी तरह मौन है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग के अधिकारी इन घटनाओं से अवगत हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। कई गांवों में तो हालात ऐसे हो चुके हैं कि लोगों को अपने बीमार पशुओं को दिखाने के लिए मजबूरी में इन छोलाछापों पर भरोसा करना पड़ रहा है। एक गांव के किसान बताते हैं, “मेरी भैंस बीमार थी। एक व्यक्ति खुद को सरकारी पशु कर्मचारी बताकर आया और इंजेक्शन दे गया। दो घंटे बाद में मेरी भैंस के पेट में 9 महीने का बच्चा था पेट में ही बच्चा मर गया। कोई पर्ची, रजिस्ट्रेशन या प्रमाण पत्र नहीं दिखाया गया। इसी तरह बेरौंचा गांव छ: महीने पहले ऐसे घटना हौ चुकी है।जब इस पूरे मामले में पशुपालन विभाग डाक्टर पूजा पाण्डेय से संपर्क किया गया है पशु डाक्टर ने बताया कि जो गांवों में जो लोग जा रहे हैं, वे पैरावेट हैं, जिन्हें केवल प्राथमिक देखभाल और टीकाकरण की ट्रेनिंग दी गई है। दवा देना या इलाज करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। फिर सवाल यह उठता है कि अगर विभाग खुद मान रहा है कि ये लोग इलाज करने के योग्य नहीं हैं, तो फिर उन्हें गांवों में जाकर इलाज की अनुमति क्यों दी जा रही है? ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि कौशाम्बी ब्लॉक में स्थायी पशु चिकित्सकों की तैनाती की जाए और बिना अनुमति इलाज करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो। साथ ही हर गांव में नियमित पशु चिकित्सा शिविर लगाए जाएं ताकि बेजुबान जानवरों की सही इलाज से रक्षा हो सके।यदि जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया, तो छोलाछाप इलाज के चलते न केवल पशुओं की जान जाती रहेगी, बल्कि गरीब किसानों की आजीविका पर भी भारी असर पड़ेगा।

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