

भगवत कौशिक।भिवानी : 22 मई को नहर आने पर शहर की जनता को यह आशा बंधी थी कि अब पानी संकट का बनवास खत्म होकर पीने के पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से शुरू हो जाएगी, परन्तु 23 मई को प्रात:काल घूमने गए लोगों ने देखा कि नहर का पानी दो नये बने टैंकों की बजाए विभाग के ग्राउंड में हजारों लीटर पानी बेकार में बह रहा है, जिसको देखने व बंद करने के लिए कोई कर्मचारी व अधिकारी नहीं आया। यह देखकर प्रात: सैर करने वाले लोगों में अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ आक्रोश था कि एक तरफ शहर की जनता पीने के पानी की बूंद-बूंद तक तरस रहे हैं और हजारों लीटर पानी बेकार में बह रहा है, जो किसी काम नहीं आ रहा है।
इस बीच लोगों की शिकायत पर जनसंघर्ष समिति के संयोजक व भिवानी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी कामरेड ओमप्रकाश ने जाकर मौके का मुआयना किया तो पाया कि वास्तव में नहर आने के बाद विभाग के ग्राऊंड में अनावश्यक रूप से पानी भरा हुआ है और नहर का पानी नए वाटर टैकों में छोडऩे की बजाए एक गाद भरे पुराने टैंक में चल रहा है, जिसको टैंक की गाद साथ-साथ सोख रही है। उक्त टैंक में चार से छह: फीट गाद जमी हुई है। विभाग ने उसे कभी नहीं निकाला। परिणाम स्वरूप विभाग के आला अधिकारियों द्वारा लापरवाही किए जाने के कारण पानी का रखरखाव ठीक से नहीं करने का खामियाजा भी जनता को भुगतना पड़ रहा है। इस तरह से अगले दो-तीन दिनों में भी पानी की आपूर्ति शहर में बहाल नहीं हो पाएगी। कामरेड ओमप्रकाश ने राज्य सरकार से मांग की है कि कोताही व लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही व अनुशानात्मक कार्यवाही करनी चाहिए, जो अपनी ड्यूटी में घोर लापरवाही कर रहे है। जनता जब भी अधिकारियों के पास अपनी समस्याएं लेकर जाती है तो वे कार्यालय में नहीं मिलते तथा हमेशा यह बहाना लगा देते हैं कि वे उपायुक्त कार्यालय में बैठक कर रहे हैं, उनका रवैया टरकाऊ व काम से बचने का रहता है। उनके इसी रवैये को देखते हुए पानी की समस्या हल होती दिखाई नहीं दे रही है।