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भाजपा महिला सरपंच को न्याय अधिकारियों ने नियम विरुद्ध किया अविश्वास प्रस्ताव पारित

मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार फिर भी नही मिल रहा भाजपा महिला सरपंच को न्याय

मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार फिर भी नही मिल रहा भाजपा महिला सरपंच को न्याय अधिकारियों ने नियम विरुद्ध किया अविश्वास प्रस्ताव पारित पांढुर्ना कलेक्टर के पास चल मामला कब तक होगा आदेश या करना पड़ेगा इंतजार

भाजपा का सांसद एवं भाजपा जिलाध्यक्ष पर उठने लगे सवाल

पाण्डुर्णा:- जिले की सबसे बड़ी पंचायतो मे से एक ग्राम पंचायत रामाकोना मे कुछ दिनों पूर्व भाजपा की महिला सरपंच श्वेता गगन गोहेल के खिलाफ भाजपा पंचो द्वारा ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. जिसका सम्मेलन कुछ दिनों पूर्व ग्राम पंचायत मे आयोजीत किया गया था जिसमे तहसीलदार भावना मलगाम पीठासिन अधिकारी नियुक्त की गयी थी तथा इसके साथ ही खंड पंचायत अधिकारी सुभाष ठाकरे की उपस्थिती मे सम्पन्न हुआ था. कुल 21 सदस्य ने मतदान किया है जिसमे अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष मे 15 मत प्राप्त हुए हैं जबकि अविश्वास के विपक्ष मे 3 तथा 3 मतो को उपस्थित टीम द्वारा रिजेक्ट किया गया.
मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम की जानकारी रखने वाले कुछ जानकारो का कहना है की अविश्वास प्रस्ताव पास हुआ तो कुछ जानकारो का कहना पड़ा की मध्यप्रदेश पंचयात राज अधिनियम में अविश्वास प्रस्ताव पास होने के लिए 3/4 होना था कुल 21 सदस्य ने मतदान किया अविश्वास के पक्ष में 15 ओर 3 वोट सरपंच के पक्ष में ओर 3 वोट रिजेक्ट हुए जिसमे कुल वोट
16 मतों की जरुरत थी किन्तु अविश्वास के पक्ष मे 15 ही मत आये जिसके कारण अविश्वास प्रस्ताव फैल हुआ ऐसा मानना है.पर पीठासीन अधिकारी तहसीलदार सौसर ओर खंड पंचायत अधिकारी ने मीडिया के सामने बोला कि अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया और सरपंच को बिना आदेश दिया हटा दिया और प्रभारी सरपंच बनाने का चुनाव कर दिया जो नियम विरुद्ध है

वही दूसरी ओर ईधर अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पंच इस दुविधा मे है की आगामी निर्वाचन की तारीख क्यों नहीं आ रही है.
तो वही सरपंच ग्राम पंचायत श्वेता गगन गोहेल का कहना है की अभी तक प्रशासन ने उनको हटने का कोई आदेश नहीं दिया.अधिकारी की मिलीभगत से प्रभारी सरपंच का चुनाव कर डाला जो एक निर्वाचित महिला सरपंच का हनन किया

*क्या सच मे महिला हितैषी है भाजपा*
ग्राम पंचायत रामाकोना के अविश्वास प्रस्ताव का घटना क्रम देखते हुए राजनैतिक लोगो मे चर्चा हो रही है की क्या सच मे भाजपा महिला हितैषी पार्टी है इस पर प्रश्नचिन्ह है चुंकि ग्राम पंचायत रामाकोना मे जनता द्वारा निर्वाचित महिला सरपंच भाजपा से है, और उसी भाजपा की महिला सरपंच को हटाने के लिए भाजपा द्वारा ही अविश्वास प्रस्ताव लाने की क़वायद शुरू की गयी थी. इससे साफ दिखाई पड़ता है की भाजपा को दोहरा चरित्र कैसा है. ईधर भाजपा महिलाओ के लिए तमाम योजना चलाने का ढोंग करती है तो वही दुसरी तरफ भाजपा महिला सरपंच को हटाने के लिए भी षड़यंत्र करती है.

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*लम्बे अरसे बाद जिले के भाजपा सांसद होने के बावजूद, भाजपा सरपंच पर संकट आना शर्मनाक*
एक लम्बे अरसे बाद जिले के सांसद भाजपा से बने है और इसके बावजूद भाजपा की महिला सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आना भाजपा सांसद के लिए शर्मनाक बात हो सकती है.
राजनैतिक विचारधारा रखने वाले मानवप्रजाति का कहना है की इससे बड़ी शर्मनाक बात क्या हो सकती है जिले मे भाजपा के सांसद है उसके बावजूद जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत मे भाजपा पंचो द्वारा भाजपा सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना समझ से परेह है तथा सांसद की प्रतिष्ठा का प्रश्न है.

*पांढुर्ना भाजपा जिलाध्यक्ष बनते ही भाजपा महिला सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव संघठन पर प्रश्न*
हाल ही मे पाण्डुर्णा के भाजपा जिलाध्यक्ष बनने के उपरांत ही जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत से भाजपा सरपंच के खिलाफ भाजपा पंचो द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाना भाजपा के जिलाध्यक्ष के लिए भी प्रतिष्ठा का प्रश्न है.
भाजपा मे एक खेमा ऐसा भी है जो भाजपा के वर्तमान जिलाध्यक्ष से नाराज है तो उनके लिए ये सबसे बड़ा मुद्दा भी मिल सकता है चुंकि जिलाध्यक्ष बनने के उपरांत ही भाजपा सरपंच के खिलाफ अविश्वास लाने वाले पंचो को समझाईश क्यों नहीं दी गयी.
भाजपा संघटन मे भी तरह तरह की चर्चा होने लगी है की नवनियुक्त भाजपा के जिलाध्यक्ष ने सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पंचो को समझाने की कोशिश क्यों नहीं की गयी. इससे भाजपा जिलाध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह उठ रहा है.

*स्थानापन्न सरपंच की नियुक्ति*
राजनैतिक गलियारों मे ग्राम पंचायत रामाकोना सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बाद
अभी तक सरपंच श्वेता गगन गोहेल को हटाने का आदेश नहीं मिला तो वही स्थानापन्न सरपंच के निर्वाचन को घोषित हुई है.

हालांकि अभी तक अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पेंच फसता हुआ दिखाई दे रहा है मामला कलेक्टर पांढुर्ना में चल रहा है पर कलेक्टर ने आज तक कोई आदेश नही दिया कि अविश्वास पारित हुआ था कि नही हुआ है .

*भाजपा संगठन पर उठने लगे प्रश्न चिन्ह*
यदि स्थानीय भाजपा संघठन की बात की जाए तो भाजपा संगठन एक ही परिवार के इर्द गिर्द दिखाई देता है चुंकि विधानसभा की टिकिट हो या संघटन का कोई पद हो एक ही परिवार के पास सुरक्षित रहता है.
जिसके कारण इस परिवार से भाजपा संघठन का दूसरा खेमा हमेशा नाराज रहता है चुंकि दूसरे खेमे मे भाजपा के सबसे पुराने कार्यकर्त्ता दिखाई देते है.
भाजपा के स्थानीय संघटन के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है की क्या भाजपा का स्थानीय संघटन अपनी भाजपा महिला सरपंच को बचाने मे कमियाब रहेंगे या फिर भविष्य मे होने वाले नुकसान का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे.

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