
- http://( मोहरसिंह )नोहर, जिला,हनुमानगढ़ ,राजस्थान बीते वर्ष 2022- 23 में नोहर से धांनसिया तक 58 करोड़ रुपए की लागत से 58 किलोमीटर की दूरी की बनाई गई नोहर सरदारशहर सड़क में हुए फर्जीवाड़े को लेकर उप मुख्यमंत्री एवम सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री दीयाकुमारी राजस्थान जयपुर को पत्र प्रेषित कर सत्यापन के साथ जांच की मांग की गई हैं। पत्र में सड़क निर्माण के बारे
में विभागीय मंत्री को अवगत करवाया गया है कि सड़क निर्माण के दौरान सड़क में बेहद मात्रा में विखंडित सामग्री का उपयोग किया गया था। पत्र में बताया गया है कि सड़क निर्माण के दौरान सड़क से उठाई गई विखंडित निर्माण सामग्री को सड़क के नव निर्माण में लगा दिया गया ,साथ ही बताया गया है कि कुछ जगह से सड़क को मशीन से केवल 5 एम एम तराशा गया और सड़क पर सड़क बना
दी गई। इसी कड़ी में विभागीय मंत्री दीयाकुमारी को जरिए पत्र अवगत करवाया गया हैं कि मौके पर सहायक अभियंता,अधिशाषी अभियंता, अधीक्षण अभियंता,जिला कलक्टर आदि को शिकायत से अवगत करवाया गया, लेकिन भारी भ्रष्टाचार के चलते जांच नहीं की गई । शिकायत में बताया गया है कि 58 किलोमीटर की सड़क के दोनो तरफ 116 किलोमीटर की दूरी के सड़क शोल्डर बनाए गए है,
जो अमानक निर्माण के हैं। सड़क निर्माण के दौरान सड़क के पास दीवार का भी निर्माण किया गया था,पानी के चैंबर भी बनाए गए थे,मौके पर विभागीय अधिकारियों को अवगत करवाया गया था ,लेकिन किसी ने जांच करने की जहमत नहीं उठाई। उपखंड के विशेष जागरूक नागरिक ने उपमुख्यमंत्री दीयाकुमारी को एक विशेष बिंदु से अवगत करवाया गया है कि, सड़क के घटिया निर्माण के बारे में
कोई बोल ना सके,इसके लिए सहायक अभियंता,अधिशाषी अभियंता ने संवेदक के साथ मिलीभगत करके सड़क पर अपने गुर्गे भी छोड़ रखे थे । मौके पर इन गुर्गों की गुंडागर्दी की शिकायत विभागीय अधिकारियों सहित जिला पुलिस अधीक्षक हनुमानगढ़ को भी की गई थी। जिला पुलिस अधीक्षक हनुमानगढ़ द्वारा संबंधित पुलिस थाना को आदेश जारी कर इन गुर्गों के खिलाफ कार्यवाही हेतू निर्देशित भी
किया था ,लेकिन 58 करोड़ की बंदरबांट के चलते सब आदेश हवा में उड़ गए। पत्र में बताया गया है कि मौके पर घटिया सड़क निर्माण की खबरे प्रकाशित हुई,चैनलो के माध्यम से भी खबरें प्रसारित की गई,लेकिन बड़े पैकेज के कारण खबरों पर कोई संज्ञान नही लिया गया। पत्र में मांग की गई हैं कि सत्यापन के साथ जांच करवाई जाए, साथ ही मांग की गई है कि मौजूदा समय में सार्वजनिक निर्माण
विभाग खंड नोहर में पद स्थापित सहायक अभियंता शशांक वर्मा को ए.पी.ओ. किया जाए, ताकि जांच प्रभावित ना हो। पत्र में बंदरबांट का ऐसा कोई आंकड़ा नहीं दर्शाया गया है,जैसे कि इतने करोड़ रुपए लेकर सड़क निर्माण में विखंडित सामग्री लगा दी,सड़क पर सड़क बनादी, नकली शोल्डर बना दिए,दीवारों में नकली ईंटें लगादी,सड़क पर गुर्गे छोड़ दिए आदि आदि।