
*नम आंखों से गुरुद्वारा साहिब में मना शहीदी गुरुपर्व*
सिख धर्म के पांचवे गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी महाराज का आज देश-विदेश के हर छोटे और बड़े गुरुद्वारे में शहीदी दिहाड़ा मनाया गया। स्थानीय गुरुद्वारा साहिब में गुरु अर्जन देव जी महाराज का 418 वां शहीदी गुरुपर्व बड़ी ही श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ सोमवार को मनाया गया।
शहीदी गुरुपर्व को मुख रखते शनिवार से चल रही अखंड पाठ की समाप्ति सोमवार की सुबह हुई। इसके बाद कीर्तन दरबार सजाया गया 11:30 बजे से भाई हरदीप सिंह एवं भाई बेअंत सिंह द्वारा गुरबाणी के पाठ से भजन कीर्तन कर संगत को निहाल किया और श्री गुरु अर्जन देव जी के जीवन, शिक्षाओं और उनके सर्वोच्च बलिदानों पर प्रकाश डाला। कीर्तन दरबार की समाप्ति के बाद हेड ग्रंथी ज्ञानी दयाल सिंह जी ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष अरदास लगाकर विशेष पूजा अर्चना की। शहीदी दिवस पर पिछले 40 दिनों से चल रही सुखमणि साहिब के पाठ का भी समापन हुआ। पूरा परिसर जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल। वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी के फतेह से गूंज उठा। इसके बाद कड़ाह प्रसाद और गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। सभी समाज के लोगों ने सामूहिक रूप से लंगर का प्रसाद छका। इसके साथ ही गुरुद्वारे के बाहर रोड पर स्टॉल लगाकर मीठे पानी की छबील लगाई गई। आने जाने वाले राहगीरों आम लोगों को शीतल छबील (शरबत) पिलाई गई।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव सरदार रौनक सिंह सेठ ने बताया कि गुरु अर्जन देव की शहादत अतुल्यनीय है। मानवता के सच्चे सेवक,धर्म के रक्षक,शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी गुरु अर्जन देव अपने युग के सर्वमान्य लोकनायक थे। जो दिन-रात जनता की सेवा में लगे रहते थे। उनके विचार आज हम सबों के लिए प्रासंगिक है। उन्होने बताया कि उनके मन में सभी धर्म को प्रति अथाह सम्मान था। सिख धर्म में पांचवे गुरु अर्जन देव की शहीदी हुई। उनको मुगल बादशाह जहांगीर के द्वारा बड़ी ही निर्ममता के साथ तपती गर्मी में जलते हुए आग के ऊपर गर्म तवे पे बिठा कर जलती हुई रेत से उन्हें जला कर शहीद कर दिया गुरु साहेब ने यातनाएं सहने के बाद भी वाहेगुरु वाहेगुरु का जाप करते रहे और हस्ते हुए हिंदू धर्म की रक्षा के लिए शहीद हो गए।साल 1906 में मुगल बादशाह जहांगीर द्वारा गुरु अर्जन देव को लाहौर में शहीद किया गया था। मौके पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार भगवान सिंह खजांची सरदार भूपेंद्र सिंह, बिट्टू सिंह, जगविंदर सिंह गिल, स्त्री सत्संग की प्रधान बीवी कवलजीत कौर, मंजीत सिंह छाबड़ा, मिक्की बग्गा, सन्नी छाबड़ा, यशवंत सिंह, महेश्वर प्रसाद गुप्ता, वंदना पुरी, सोनिया छाबड़ा, रजनी छाबड़ा, मोना पुरी, परमजीत कौर, जूही कौर, हरप्रीत कौर सहित बड़ी संख्या में पंजाबी समुदाय के लोग उपस्थित थे।
त्रिलोकी नाथ डिस्ट्रिक्ट डिवीजन हेड गया
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