
महाराणा प्रताप एक वीर योद्धा- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं प्राचीन मानवाधिकार काउंसिल सदस्य डॉ एच सी विपिन कुमार जैन ने महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर कहा कि राजस्थान के मेवाड़ के महाराणा उदय सिंह द्वितीय के घर जन्मे महाराणा प्रताप को वीरता और नेतृत्व की विरासत विरासत में मिली। उनके शासनकाल को उनके राज्य की संप्रभुता और उनके लोगों की रक्षा के लिए लड़ी गई कई लड़ाइयों द्वारा चिह्नित किया गया था। विशेष रूप से, उन्होंने मुगल सम्राट अकबर के खिलाफ स्वतंत्रता के पहले युद्ध का नेतृत्व किया। हल्दीघाटी का युद्ध उनके साहस और लचीलेपन का प्रमाण है, जहां उन्होंने मुगल सेना की ताकत का सामना किया था।
प्रतिरोध और देशभक्ति की भावना का प्रतीक, महाराणा प्रताप का नेतृत्व और बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
थिंक मानवाधिकार संगठन की एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन, जय भोले सेवा समिति की प्रदेश अध्यक्ष शिवानी जैन एडवोकेट, बीना एडवोकेट, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जी, संरक्षक डॉक्टर आरके शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, आलोक गुप्ता, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, आलोक मित्तल एडवोकेट आदि ने कहा किमहाराणा प्रताप मेवाड़ साम्राज्य के कई हिस्सों को फिर से हासिल करने में कामयाब रहे जो दुश्मन के हाथों में पड़ गए थे। उनके कार्यों से पता चला कि दृढ़ संकल्प और दृढ़ता से सबसे कठिन परिस्थितियों पर भी काबू पाया जा सकता है। यही कारण है कि महाराणा प्रताप जयंती न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे भारत में उनकी अटूट भावना और उनके राज्य की रक्षा करने और उनके सिद्धांतों को बनाए रखने के उनके प्रयासों को श्रद्धांजलि के रूप में मनाई जाती है।