
रिपोर्ट मनोज कुमार शर्मा
जिला मैनपुरी
*उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, लखनऊ के अध्यक्ष ने जारी किया, उत्तर प्रदेश को “बाल विवाह मुक्त” बनाने का आदेश, जारी किए हेल्पलाइन नंबर*
मैनपुरी । अक्षय तृतीया के दौरान होने वाले बाल विवाह की रोकथाम और ग्राम पंचायत के मुखिया / पार्षद ,(बीएलसीपीसी) को बाल विवाह की सूचना देने और चेक करने के लिए जिम्मेदार बनाने के संबंध में उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग लखनऊ के अध्यक्ष डॉ देवेंद्र कुमार ने निदेशक पंचायती राज उत्तर प्रदेश को बाल विवाह मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने का आदेश जारी करते हुए सक्रिय भूमिका निभाने के लिए निर्देशित किया है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 21 साल से कम का लड़का और 18 साल से कम उम्र की लड़की कानूनन विवाह योग नहीं है । अगर कोई भी व्यक्ति बाल विवाह करते हुए अथवा कराते हुए पाया जाता है तो उसे दो वर्ष का कठोर कारावास या 1 लाख अथवा दोनों का जुर्माना हो सकता है। 10 मई शुक्रवार को अक्षय तृतीया के दिन बाल विवाह की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रोविजन अधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह एवं संरक्षण अधिकारी अल्का मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि बाल विवाह जैसी कुरीति को रोकने के लिए जनपद में बाल विवाह टास्क फोर्स के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है जिसके लिए जनपद में जिला बाल संरक्षण इकाई,वन स्टाप सेंटर, महिला शक्ति केंद्र, चाइल्डलाइन व स्वयंसेवी संस्थाएं कार्यरत हैं। संरक्षण अधिकारी अल्का मिश्रा ने समस्त जनपद वासियों से अपील करते हुए बताया कि अक्षय तृतीया को देवीय माना जाता है। इसका शास्त्रों और पुराणों में विशेष महत्व है। इस दिन बाल विवाह होने की संभावना बहुत अधिक होती है। यदि आपके आसपास रिश्तेदारी में या कहीं भी बाल विवाह हो रहा हो तो तत्काल इसकी सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, पुलिस हेल्पलाइन नम्बर 112 के अतिरिक्त जिला प्रोवेशन अधिकारी के मोबाइल पर या संरक्षण अधिकारी अल्का मिश्रा के मोबाइल पर दे सकते हैं । शिकायतकर्ता का नाम व पता गोपनीय रखा जाएगा।