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खगड़िया के 43वे वर्षगाँठ की शुभकामनाएं

कई स्वर्णिम इतिहास को समेट कर आज खगड़िया अपना 43वा वर्षगाँठ मना रहा है, जिले में 2 अनुमंडल,7 प्रखण्ड,113 पंचायत तथा 306 गाँव,1 नगर निकाय, 2 नगर परिषद, 4 नगर पंचायत के साथ रोज अपनी तरक्की की गाथाओं को लिख रहा है। खगड़िया जिला वर्ष 1981 में मई के 10 तारीख को मुंगेर से जिला से अलग होकर खगड़िया जिला के रूप में अस्तित्व में आया था, इतिहास के आइने में देखें तो खगड़िया का स्वर्णिम अतीत रहा है। खगड़िया फरकिया के नाम से भी जाना जाता है तथा शहीदो की धरती है, फरकिया की उपाधि दिया गया है, सात नदियों और जंगलों से घिरे होने के कारण इसका पैमाइश नहीं कर पाना यही वजह है कि फरकिया नाम दिया गया। इस जिले में कई अतीत धरोहर भी देश मे जिले को एक पहचान दिलाया । जिला मुख्यालय के कुछ ही दूरी पर स्थित कात्यायनी मंदिर शक्तिपीठ है, परबत्ता प्रखंड के भरतखंड में 52 कोठरी 53 द्वार जो जिले की धरोहर है,खगड़िया मुख्यालय में लगने वाले गोशाला मेला का प्रदेश स्तर पर पहचान है,शिक्षा के क्षेत्र की बात करे तो इस क्षेत्र का कैंब्रिज कहा जाता है कोशी कॉलेज खगड़िया की शैक्षणिक क्षेत्रों में अपनी एक अलग धाक रहा है,कैंब्रिज कहे जाने वाले कोशी कॉलेज ने बहुत सारे खट्टे मीठे अतीत को संजोकर कर पूरे देश मे अपनी एक अलग पहचान दिलाया है। वर्तमान में जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय तथा पुलिस अधीक्षक चंदन कुशवाहा के नेतृत्व में पदाधिकारी से लेकर पंचायत के कर्मचारी तक जिले को अब्बल बनाने के लिए सदा कार्य कर रहे हैं,अब तक कई अधिकारी आएं खगड़िया के विकास में योगदान दिए। जिले में कल्याणकारी योजनाओं को सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। इस मिट्टी ने दानवीर श्यामलाल,अवध बिहारी बाबू जैसे दानवीर को भी अपनी गोद मे बिठाया तो शहीद प्रभुनारायण सिंह तथा धन्ना माधव जैसे वीर पुरुष को भी बिठाया,राजनीति के क्षेत्र में भी खगड़िया ने एक अपनी अलग धमक दिखाया है प्रदेश से लेकर पूरे देश मे एक पिछड़े क्षेत्र से निकलकर राजनीति में अपनी एक अलग रूप में जाने वाले रामविलाश पासवान ,सतीश प्रसाद सिंह राजनीति के योद्धाओं ने पूरे देश मे खगड़िया को एक पहचान दिलाया, वर्तमान समय में भी राजनीति के क्षेत्र में जिले के महिलाओं ने भी अपनी मेहनत और राजनीति विसात को इस तरह से बिछाया की बर्षो तक विभिन्न पदों पर रहते हुए जिले को विकाश के पथ पर अग्रसित करते रहे,चाहे वो पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा हो या सदर की पूर्व विधायका पूनम देवी यादव, वर्तमान में जिला परिषद अध्यक्ष कृष्णा कुमारी यादव, जिला परिषद की उपाध्यक्ष श्वेत सिखा हो,नगर की पूर्व सभापति सीता कुमारी, वर्तमान में नगर निकाय की अध्यक्ष अर्चना कुमारी। लोकसभा 2024 के नेतृत्व के लिए राजेश वर्मा और संजय सिंह ने अपनी दावेदारी पेश की है, आशा है की युवा जिला को युवा नेतृत्व में विकास की एक नई गाथा लिखेगा । महिला जनप्रतिनिधियों ने आज जिले को एक अलग पहचान दिलाया,खगड़िया शहीदों की भी धरती है शहीद किशोर कुमार मुन्ना तथा माड़र निवासी शहीद मो जावेद, शहीद कैप्टेन आनंद ,शहीद चंदन जैसे वीर पुत्र को इस इस जिले की मिट्टी ने अपने लार प्यार से वीरपुरुष बनाया,शिक्षा के क्षेत्र में भी हमारा जिला ने अपना एक अलग पहचान है। भारतीय सिविल सेवा में बेलदौर के पंसलवा के रमण कुमार तथा सावन कुमार और दर्जनों भारतीय सिविल सेवा सर्विस में अपनी योगदान देकर जिले को गौरवान्वित किया। वर्ष 2022 में खगड़िया की प्रज्ञा प्रतिष्टा ने भारतीय आर्थिक सेवा में 15वी रैंक लाकर जिले को गौरवान्वित किया है। कला संस्कृति खेल के क्षेत्र में भी अब्बल रहा है ये जिला लोक गायक छैला बिहारी ने भी अपने गीत के माध्यम से जिले को एक पहचान दिलवाने के काम किया है, बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत का खगड़िया के चौथम ननिहाल होने के कारण पूरे देश मे खूब ख्याति मिली । खगड़िया को अब वो हमारे बीच नही है,नयी पीढ़ी के आदर्श कुमार तथा बहुत सारे इनसे हमारे कलाकार ने भी संगीत के क्षेत्र में जिले को पहचान दिलवा रहे है, खेल के क्षेत्र में भी अब्बल है।प्रतिभावान पुरुष महिला खिलाड़ियो ने अपनी मेहनत से जिले को एक अलग पहचान दिलाया है ,फुटबॉल के दिग्गज विधानचंद्र मिश्र ने भारतीय टीम का हिस्सा बनकर तथा योगपरि श्रेया त्यागी ने अपने योग के माध्यम से जिले को एक पहचान दिलाया। वर्तमान समय मे खेल के क्षेत्र में संसाधनविहीन होते हुए भी प्रदेश में अपना सिक्का जमाया। यहाँ के खिलाड़ियो ने अरमान कुमार ने प्रो कबड्डी में तेलगु टॉइन्स के तरफ से लगातार 2 सीजनों में खेलकर देशवासियों को खगड़िया शब्द को उनके जेहन में बैठाया। फुटबॉल की खिलाड़ी नेहा,हॉकी की अंजू कुमारी, नवनीत कौर,शिवानी ,मीनाक्षी , अंनत ,नीतीश कबड्डी की काजोल ,रिया,चुन्नी, ने तो क्रिकेट के विशालाक्षी तथा अपराजिता ने बैडमिंटन में तनिष्का रणधीर ने तो रग्बी में भारतीय टीम का हिस्सा बनकर कविता ने अपने जिले को एक अलग पहचान दिलाया है। 2014 तथा 2016 में खगड़िया के बालक हॉकी टीम ने राज्य विजेता बनकर बिहार टीम का प्रतिनिधित्व दिल्ली के नेहरू स्टेडियम में हजारों दर्शकों के बीच कर रहा था तो कुछ दर्शकों ने खगड़िया नाम सुनकर मुह इसलिए सिकुड़ा रहे थे कि ये खगड़िया कहाँ है ।बिहार में तो जो जान रहे थे वो ये आश्चर्य कर रहे थे कि खगड़िया जहाँ कुछ नही है वहाँ के खिलाड़ी राष्ट्रीय लेवल पर खेल रहे है,वाकई में इन कुछ बर्षो में यहाँ के खिलाड़ियो ने पूरे देश मे जिले को एक पहचान दिलाया है,खगड़िया मक्का उत्पादन में एशिया में प्रथम स्थान तो यहाँ की मछली, दूध और पेड़ा की खुशबू पूरे देश मे है,इन सभी उपलब्धियों के बाद भी खगड़िया पिछड़े के श्रेणी में आता है,जिले को विकसित और बेहतर भविष्य के लिए जिला प्रसाशन, जनप्रतिनिधि सभी नागरिक को मिलकर काम करना होगा। तभी नई पीढ़ी को बेहतर भविष्य दे सकते है, जिसके लिए कुछ संसाधन की आवश्कता है।

*इस से पहचान बनेगी और विकास होगा*
1.मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो।
2.जिला स्कूल की स्थापना हो
3.दूध आधारित कारखाना हो
4.मक्का आधारित कारखाना जिले में लगे।
5.कात्यानी स्थान का पहुँच पथ का निर्माण हो।
6.स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण हो।
7.खेलो इंडिया सेन्टर की स्थापना हो
8.बाढ़ का स्थायी निदान हो।
9.युवाओं और किसानों का कल्याण हो।

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