
परशुराम जी भगवान विष्णु के छठे अवतार-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि रामायण की कथा के अनुसार जब सीता स्वंयवर में भगवान श्री राम के हाथों से धनुष टूट गया था तो परशुराम जी सभा में क्रोधित हुए।यह कहानी तो सभी ने सुनी व पढ़ी होगी, लेकिन परशुराम जी कोई साधारण मनुष्य नहीं बल्कि भगवान विष्णु का ही अवतार थे। प्रतिवर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है ।थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु का छठा अवतार भगवान परशुराम है।भगवान विष्णु ने सतयुग में परशुराम के रूप में अवतार लिया ताकि धरती पर मौजूद पापियों का नाश कर सकें।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, बृजेश शुक्ला एडवोकेट, राकेश दक्ष एडवोकेट, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि परशुराम जी को ब्राह्मण होने के नाते धर्म, वेद और पुराणों का पूर्ण ज्ञान था। इसके साथ ही वह नीति में भी पारंगत थे और अस्त्र-शस्त्र विद्या में भी उनका कोई मुकाबला नहीं था। परशुराम जी के हाथ में फरसा नामक एक शस्त्र विराजमान है।पुराणों के अनुसार भगवान शिव ने उन्हें अधर्म का नाश करने के लिए फरसा नामक शस्त्र दिया।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ