
रीवा /जबलपुर: मप्र हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर रीवा को पटवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और विभागीय जांच शुरू करने का आदेश दिया है। दरअसल, पटवारी ने एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें रीवा जिले के रामपुर बाघेलान गांव में पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के वंशजों के कब्जे में जमीन का एक टुकड़ा दिखाया गया था। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की पीठ ने कहा कि पटवारी ‘भगवान नहीं है कि जमीन का एक टुकड़ा अपनी इच्छानुसार किसी के भी नाम लिख दे।’
ये है पूरा मामला
दरअसल, डॉ. गोविंद नारायण सिंह के बेटों अशोक सिंह, ध्रुव नारायण सिंह और एक अन्य व्यक्ति ने मप्र उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इन्होंने दावा किया कि रीवा जिले के रामपुर बाघेलान गांव में जमीन का एक टुकड़ा उनके परिवार का है। इसकी तस्दीक पटवारी ने अपनी रिपोर्ट में की है। हालांकि जमीन मनोहरलाल की थी, जिसने इसे अपने परिवार को दे दिया था। 1992 में मनोहरलाल की मृत्यु हो गई। उनके वंशजों ने 2018 में भूमि का स्वामित्व अपने नाम में बदलने के लिए एक आवेदन दायर किया, जिस पर आपत्ति जताई गई। तहसीलदार और एसडीएम की राजस्व अदालतों ने उनके पक्ष में आदेश पारित किया, लेकिन अतिरिक्त आयुक्त ने तहसीलदार और एसडीएम के आदेश को रद्द कर दिया।