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जावरा का सरकारी अस्पताल मरीजों का है बुरा हाल|

लाखों का वार्षिक बजट होने के बावजूद भी व्यवस्था जस की तस

जावरा का सरकारी अस्पताल व्यवस्था में पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। अव्यवस्था, गंदगी, स्टाफ का दुर्व्यवहार और अनेक जगह टूटी हुई टाइल्स रतलाम जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की दुर्दशा बयां कर रही हैं । आम नागरिकों की शिकायत पर जिला प्रेस क्लब जावरा की टीम ने शासकीय चिकित्सालय जावरा में निरीक्षण के दौरान पाया कि अस्पताल में पर्याप्त पलंग नहीं है एक-एक पलंग पर दो तथा कहीं-कहीं तीन मरीज भरती है। करोड़ों की बिल्डिंग और लाखों रुपए का वार्षिक बजट होने के बावजूद खिड़कियां हवा में लटक रही है और मच्छरों की भरमार है । अस्पताल के बाहर सीमेंट के पेवर ब्लॉक का ढेर पढ़ा हुआ है तथा आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। प्रशिक्षण पर कार्यरत नर्स मरीज द्वारा इलाज करने के लिए बार-बार बुलाने पर उपचार करती है

तथा चाय पानी के पैसों की मांग करती है | इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक पालडिया ने बताया कि स्टाफ की कमी है लेकिन हमारी कोशिश होगी कि एक सप्ताह के भीतर व्यवस्था में सुधार करने के साथ ही चुनाव के पश्चात शासन स्तर पर जनहित को देखते हुए अधिकतम सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास रहेगा ।

AKHAND BHARAT NEWS

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