
अमर शहीदों को दे श्रद्धांजलि-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव भारत के वे सच्चे सपूत थे, जिन्होंने अपनी देशभक्ति और देशप्रेम को अपने प्राणों से भी अधिक महत्व दिया और मातृभूमि के लिए प्राण न्यौछावर कर गए। 23 मार्च यानि, देश के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों को हंसते-हंसते न्यौछावर करने वाले तीन वीर सपूतों की याद में शहीद दिवस मनाया जाता है।
थिंक मानवाधिकार संगठन की एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा किभगत सिंह,राजगुरु और सुखदेव ब्रिटिश राज के खिलाफ थे और भारत को स्वतंत्र कराना चाहते थे।लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए तीनों ने विद्रोह करने की ठानी। तीनों को ब्रिटिश सरकार ने अलग-अलग मामलों के तहत गिरफ्तार किया जिसमें ब्रिटिश पुलिस अफसर जोह्न सोंडर्स की हत्या का इल्जाम भी शामिल था। सर जोह्न साइमन के लाहौर आने के बाद लाला लाजपत राय ने ‘साइमन गो बैक’ स्लोगन के साथ शांतिपूर्ण धरना करना शुरू किया था। इसपर जेम्स स्कोट के आदेश पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया जिसमें घायल होने पर लाला लाजपत रायकी मृत्यु हो गई।
लाला लाजपत राय की मृत्यु के बाद ही तीनों ने जेम्स स्कॉट की हत्या की साजिश रची लेकिन पुलिस अफसर जोह्न सोंडर्स की हत्या हो गई।इसके अलावा, भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ब्रिटिशकालीन केंद्रीय विधानसभा पर हमले का प्लान बना रहे थे जो पब्लिक सेफ्टी बिल और ट्रेड डिस्प्यूट एक्ट के खिलाफ था।बम फोड़ने की योजना 8 अप्रेल, 1929 के दिन निर्धारित की गई जिसमें तीनों को गिरफ्त में ले लिया गया और 23 मार्च, 1931 में फांसी के फंदे पर लटकाया गया।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, डॉ आरके शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी , शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन
ने कहा किअमर शहीदों के बलिदान को याद करते हुए शहीद दिवस मनाते हैं। इस दिन आजादी की लड़ाई में अपनी जान कुर्बान करने वाले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
शिवाजी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ