
ओडिशा में फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय की छात्रा सौम्याश्री बिशी की आत्महत्या को लेकर राज्यभर में उबाल है। छात्रा ने कॉलेज के शिक्षक द्वारा यौन शोषण और अपमान से तंग आकर 12 जुलाई 2025 को आत्मदाह कर लिया था। भुवनेश्वर स्थित एम्स अस्पताल में 60 घंटे तक चले इलाज के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली।
इस घटना पर बीजू जनता दल (बीजेडी) और कांग्रेस दोनों ही दलों ने सरकार पर तीखा हमला बोला है और विरोध स्वरूप अलग-अलग तिथियों पर बंद की घोषणा की है।
बीजेडी नेताओं ने इस घटना को “सरकारी लापरवाही और तंत्र की विफलता द्वारा प्रायोजित हत्या” करार दिया है। बीजेडी नेता बोबी दास ने कहा, “सरकार की गैरजिम्मेदारी और अक्षमता के कारण एक होनहार युवती की जान चली गई।” वहीं, नेत्री सुलता देव ने रात में पोस्टमार्टम किए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि “यह घटना को छिपाने की कोशिश है।”
एलिना दास ने भी दावा किया कि “भले ही सौम्याश्री की मृत्यु की घोषणा बाद में की गई हो, लेकिन उनकी मौत दो दिन पहले ही हो चुकी थी। सरकार और पुलिस ने जानबूझकर जानकारी छुपाई।”
बीजेडी ने 16 जुलाई को सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक बालेश्वर बंद का आह्वान किया है। बंद के दौरान एम्बुलेंस, मेडिकल स्टोर, डेयरी जैसी आवश्यक सेवाएं चालू रहेंगी। हालांकि, पेट्रोल पंप बंद रहने की संभावना जताई गई है। बीजेडी नेता रवींद्र जेना ने प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी।
ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास ने 17 जुलाई को पूरे राज्य में ओडिशा बंद की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि “छात्रा ने कई मंचों पर शिकायत की, FIR भी दर्ज करवाई, पर उसे न्याय नहीं मिला। विधायक, सांसद और शिक्षा मंत्री – तीनों ने उसे अनसुना कर दिया। यही सरकार की असफलता है।”
कांग्रेस का कहना है कि बंद के दौरान स्कूल, कॉलेज, बाज़ार, दुकानें बंद रहेंगी, जबकि जरूरी सेवाओं को इससे मुक्त रखा जाएगा।
राहुल गांधी का हमला: यह आत्महत्या नहीं, भाजपा तंत्र की हत्या है
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस घटना को “भाजपा के सिस्टम द्वारा की गई संगठित हत्या” बताते हुए कहा, “वह बहादुर छात्रा न्याय के लिए लड़ी, पर उसे धमकाया गया, अपमानित किया गया और अंततः आत्मदाह के लिए मजबूर किया गया। मोदी जी, ओडिशा हो या मणिपुर – देश की बेटियाँ जल रही हैं और आप मौन हैं।”
सौम्याश्री बिशी की मौत केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था, न्याय प्रणाली और महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल है। आने वाले दिनों में यह मामला ओडिशा की राजनीति और जनमानस को हिलाकर रख सकता है।