
आर्यभट्ट एक महान व्यक्तित्व-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि कहा कि आर्यभट्ट ने विश्व में सबसे पहले यह अनुमान लगाया था कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है। उन्होंने ही गणित की मूल अवधारणाओं का विकास किया था, जिसके आधार पर खगोल विज्ञान के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां हासिल हुई हैं।आर्यभट्ट का चिंतन एक गणितज्ञ और ज्योतिषी के रूप में इतना महत्वपूर्ण था कि प्रथम भारतीय उपग्रह ””आर्यभट्ट”” का नाम उनके सम्मान में रखा गया।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि इस महान विभूति ने खगोल विज्ञान के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल की थी। उनकी देन शून्य के बिना आधुनिक गणित और विज्ञान की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। हर वर्ष की भांति हम उनकी जयंती मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं।आर्यभट्ट द्वारा रचित ग्रन्थ आर्यभट्टम विश्र्व की अमूल्य धरोहर हैं।उन्होंने गणित और खगोलशास्त्र के क्षेत्र में विश्वसनीय कार्य किए।हम सभी को ऐसे महान पुरुष के दिव्य ज्ञान से रूबरू होकर समाज को गौरवान्वित करना होगा।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं प्राचीन मानवाधिकार काउंसिल सदस्य डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, बृजेश शुक्ला एडवोकेट, डॉ एच सी आरके जैन, डॉ आरके शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, एडवोकेट बीना, डॉक्टर सीमा गुप्ता आदि ने कहा कि आर्यभट्ट गणित और ज्योतिष दोनों के आचार्य थे। हिंदू पंचांग भी आर्यभट्ट जी की मदद से ही तैयार किया गया। आर्यभट्ट ने आर्य ग्रंथ की रचना की।ज़ीरो के अलावा आर्यभट्ट की कुछ उपलब्धियांऔर भी है।आर्यभट्ट ने उस काल में इसका सही अनुमान लगाया था कि चांद व अन्य ग्रह सूरज की रोशनी की वजह से रात में चमकते है वही तारों के मोशन को भी आर्यभट्ट ने सटीक रूप से समझाया था।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ