
ज्ञानव्यापी की तरह भोजशाला के सर्वे की मांग को लेकर इंदौर हाई कोर्ट में फैसला सुरक्षित, आज हुई सुनवाई
रिपोर्ट पवन सावले
भोजशाला (धार)का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौप जाए। इसके लिए आवश्यक हो तो संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी वीडियोग्राफी एवं खुदाई करवाई जावे, इस आशय की याचिका हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने 1 में 2022 को इंदौर हाई कोर्ट में दायर की थी। उसी को लेकर आज सोमवार को काशी की ज्ञानवापी के तर्ज पर भोजशाला का सर्वे करने को लेकर खंडपीठ के समक्ष 1902 में हुए सर्व को लेकर बहस हुई। इस मामले में कोर्ट ने बहस पश्चात अपने फैसले को सुरक्षित रखा है। ज्ञात रहे की भोजशाला के मामले में सात जनहित याचिकाएं दायर की गई है मुख्य याचिका हिंदू और फॉर जस्टिस की है। जिसमें भोजशाला में नमाज पढ़ने पर मुसलमानों पर तत्काल रोक लगाई जावे और हिंदुओं को नियमित पूजा का अधिकार देने की मांग की गई है। एडवोकेट विनय जोशी ने बताया कि मामले में शासन सहित सभी पक्षों की तरफ से जवाब दे दिया गया है आज सोमवार को मंदिर के सर्वे पर बहस हुई है, कोर्ट ने इसे अयोध्या जैसा मामला बताया है।
हमारी मांगे की आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया से एक साइंटिफिक सर्वे कराया जाए जिससे स्पष्ट हो सके कि भोजशाला का धार्मिक कैरेक्टर क्या है। सर्वे रिपोर्ट में यह पता चलता है कि वहां मस्जिद थी तो पूजा नहीं होगी लेकिन अगर यह खुलासा होता है कि वह मंदिर है तो फिर नमाज नहीं पढ़ी जाए। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान फिलहाल सर्वे को लेकर कोई आर्डर नहीं दिया है ना ही अगली तारीख भी तय की है भोज्य साल से संबंधित जबलपुर कोर्ट में लंबी थी याचिकाओं की जानकारी कोर्ट ने मांगी है उसके बाद ही सर्वे को लेकर कोर्ट से डायरेक्शन मिलने की संभावना है। श्री जोशी ने बताया कि हमने कलर्ड फोटोग्राफ भी कोर्ट में पेश कर दिए हैं इससे स्पष्ट है कि वहां पिलर पर संस्कृत के श्लोक लिखे हुए हैं और सरस्वती माता भाग देवी का मंदिर है मूर्ति लंदन के म्यूजियम में स्थापित है।