
रिपोर्टर दिलीप कुमरावत MobNo 9179977597
मनावर। जिला धार।। शिक्षा के मंदिरों में बच्चे अपना भविष्य बनाने के लिए आते हैं। शिक्षक शिक्षिकाओं को शासन द्वारा भरपूर वेतन दिया जाता है। उसके बाद भी मनावर गर्ल स्कूल की तीन शिक्षिकाओं द्वारा जो कृत्य किया गया वह शिक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोलता है।
“मैं ऐसे ही फांसी नहीं लगा रही हूं। मेरा फांसी लगाने की वजह मेरे स्कूल की तीन टीचर है। वह हमेशा मुझ पर मेंटल टार्चर करती रहती है। आज जो हुआ मेरे साथ स्कूल में उसके बाद मेरे सहने की लिमिट खत्म हो चुकी है। वो तीन टीचर जिनका नाम सरिका ठाकुर, लक्ष्मी मंडलोई, आरती चौहान है। प्लीज जो भी इस नोट को पड़े यह इन तीन को सजा जरूर दिलाए। मेरी फांसी लगाने की वजह यह तीनों ही है।”
यह किसी खबर की स्क्रिप्ट नहीं है। अपने तीन टीचरों से तंग आकर फांसी लगाकर जान देने वाली स्कूल गर्ल्स की है जो शासकीय कन्या उमावि में कक्षा 12वीं की छात्रा पार्वती वर्मा है। जिसने फांसी लगाने के पूर्व एक सुसाइड नोट लिखा तथा दीवार पर चस्पाकर फांसी के फंदे पर झूल गई।
प्राप्त जानकारी अनुसार 14 वर्ष से गर्ल्स स्कूल में स्थाई प्राचार्य नहीं है। प्रभारी प्राचार्य के भरोसे स्कूल संचालित हो रही है। वहाँ पुरानी शिक्षिकाएं अपने स्वभाव और रुतबे के बल पर छात्राओं पर अत्याचार करती रहती है।
14 अगस्त को शाम 4:00 बजे के करीब पार्वती वर्मा स्कूल से सीधे घर पर पहुंची और 7:30 बजे के करीब वह घर के अंदर फांसी के फंदे पर झूलती नजर आई। गरीब मजदूर पैसा परिवार की बालिका होने के कारण घर पर अधिकतर पिता, बहन आदि काम पर गए हुए थे। स्कूल में हुई घटना के कारण अपने आप को काफी शर्मिंदगी महसूस कर रही थी और इसी के चलते उसने सुसाइड नोट लिखकर फांसी के फंदे को अपने गले लगा लिया। स्कूल में पढ़ने वाली सहेलियों का कहना है कि पार्वती पर यह तीनों टीचर स्कूल ड्रेस चोरी करने का आरोप लगा रही थी। इसी को लेकर उसे टॉर्चर किया जा रहा था। घटना वाले दिन उसके साथ में शर्मनाक वाक्या घटित हुआ। जो शायद लिखने लायक नहीं है। और इस घटना ने उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया गया। पार्वती लिखने पढ़ने में होशियार थी। कक्षा 10वीं 11वीं प्रथम श्रेणी से पास की थी।
आखिरकार गर्ल्स स्कूल में अधिकारियों का कोई कंट्रोल क्यों नहीं है? जिले के अधिकारी भी मनावर आने का ढिंढोरा पीटते है लेकिन कभी भी कोई विजीट करने के लिए या छात्राओं से उनकी समस्या पूछने के लिए नहीं जाते है।
इस संबंध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक लवेश सोनी का कहना है कि वह हमेशा विद्यार्थियों के हित में लड़ाई लड़ते आ रहे हैं। इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी किसी स्कूल के स्टाफ ने आकर सहानुभूति नहीं दर्शाई। इससे प्रतीत होता है कि वहां पर वर्षों से जमा हुआ स्कूली स्टाफ छात्राओं के साथ किस प्रकार की हरकतें करता होगा।
15 अगस्त को पार्वती का पोस्टमार्टम हुआ। 11:30 बजे के करीब पार्वती के परिजन आदि सभी पार्वती का शव लेकर स्कूल परिसर में पहुंचे लेकिन अंदर से कोई भी बाहर नहीं निकला। आखरी में मनावर इंदौर रोड पर दो बेंच जमा कर उस पर पार्वती का शव रखा गया और छात्राओं परिजनों तथा परिषद के सदस्यों द्वारा चक्का जाम कर दिया गया। लगातार 2 घंटे तक चक्का जाम चलता रहा।
एसडीएम प्रमोद गुर्जर द्वारा सभी को समझाने की कोशिश की गई तथा वहीं से सहायक आयुक्त को फोन लगाकर कार्रवाई के लिए कहा गया। पश्चात धार में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एसडीओपी अनूप बेनीवाल एवं थाना प्रभारी ईश्वर सिंह चौहान पुरस्कार लेने के लिए गए थे। घटना की सूचना मिलते ही वह तुरंत वहां से रवाना हुए तथा सीधे चक्का जाम स्थल पर पहुंचे। वहां पर एसडीओपी बेनीवाल द्वारा परिजनों के बीच बैठकर उन्हें समझाइए दी। सभी कठोर कार्रवाई के लिए अड़े हुए थे।
बेनीवाल ने कहा कि कार्रवाई निश्चित रूप से होगी और कड़ी कार्रवाई की जावेगी। आप आज 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस है। कोई यात्री परेशान ना हो, इसलिए चक्का जाम खोल दे।
इस दौरान एसडीएम प्रमोद गुर्जर द्वारा भी सभी को कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया गया। तब कहीं जाकर चक्का जाम खुला। शाम 4:00 के करीब रौते बिलखते परिवार द्वारा पार्वती को घर से अंतिम बिदाई दी गई। स्थानीय मुक्तिधाम पर उसका अंतिम संस्कार किया गया। पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मुक्तिधाम सेवा समिति द्वारा निःशुल्क अंतिम संस्कार हेतु लकड़ी कंडे उपलब्ध कराए गए।
सहायक आयुक्त धार द्वारा मनावर के अधिकारियों के प्रतिवेदन पर कार्रवाई करते हुए आरती चौहान अतिथि शिक्षक को पद से हटा दिया गया। तथा लक्ष्मी मंडलोई को मनावर विकासखंड बोरलाय किया गया। वहीं प्रभारी प्राचार्य सरिका ठाकुर को उमरबन विकासखंड के बाकानेर में स्थानांतरित किया गया। विभाग द्वारा जो आदेश जारी किया गया उसमें लक्ष्मी मंडलोई को माध्यमिक शिक्षक बताया गया लेकिन वह हायर सेकेंडरी स्कूल में किस आधार पर पड़ा रही थी किस अधिकारी द्वारा उसका स्थानांतरण माध्यमिक की बजाय उच्चतर माध्यमिक में किया गया जांच का विषय है।
इस संबंध में थाना प्रभारी ईश्वर सिंह चौहान से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि उनके द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। आज अवकाश होने के कारण पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन अस्पताल में कोई उपलब्ध नहीं था। रिपोर्ट मिलते ही वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।