
रिपोर्टर मनमोहन गुप्ता कामां
कामां डीग जिले के कामां कस्वे में अनेको बर्षो से चले आ रहे ऐतिहासिक भोजन थाली मेले को लेकर साधु संतों व धर्मप्रेमियों में रोष देखने को मिल रहा है ! भाद्रपद शुक्ला द्वितीय को काठिया बाबा की यात्रा का आगमन होता है ,ब्रज की पौराणिक ऐतिहासिक पंचकोसी यात्रा का आयोजन होता है उसके समापन के दो दिन बाद ही कामां का दंगल होता है परंतु कामवन स्थित विमलकुण्ड पर काठिया बाबाओं की सुविधा का ना होना पंचकोसी यात्रा में पड़ने वाले रास्तो का हाल बेहाल होना साधुओं व धर्मप्रेमियों में रोष का कारण बन रहा है ! हम आपको बता दे कि बाबाओं के आगमन के साथ ही ये मेला लगता आया है परंतु नगरपालिका की हुई बैठक में किसी भी प्रकार का कोई मुद्दा नही उठाया गया जबकि सोसल मीडिया, अखबार के माध्यम से प्रशासन को विमल कुंड, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के हाल को अवगत कराया जा चुका है! उसकी ओर प्रशासन का कोई ध्यान नही दिया जाना भी रोष का कारण बना हुआ है ! कामवन धाम कामां इन मेलों से ही अपनी अलग पहचान बनाता है परन्तु आस्था का केंद्र रहा कामां इन मूलभूत सुविधाओं से वंचित है जिससे कामवन धाम की पहचान है !