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कोरापुट में भारी बारिश से भूस्खलन

कई ट्रेनें रद्द, यातायात ठप

कोरापुट (ओडिशा): ओडिशा के कोरापुट जिले में निम्न दबाव के कारण हो रही लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार बारिश की वजह से कई इलाकों में भूस्खलन हुआ है, जिससे रेल और सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) के अनुसार, कोरापुट और जेयपुर के बीच रेलवे ट्रैक पर भूस्खलन के कारण कई ट्रेनों को रद्द या आंशिक रूप से रद्द करना पड़ा है। इनमें जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस और किरंडुल-विशाखापत्तनम नाइट एक्सप्रेस शामिल हैं।

रेलवे ने बताया कि मालिगुड़ा और जाराटी स्टेशनों के बीच कोरापुट-किरंडुल रेललाइन पर भारी भूस्खलन हुआ है। रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा ले रहे हैं और युद्धस्तर पर बहाली कार्य शुरू कर दिया गया है।

इधर, भारी बारिश के चलते नदियों और नालों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। बंगालगुड़ा के पास एक अस्थायी पुल दो फीट पानी में डूब गया है, जिससे कोरापुट और रायगढ़ा के बीच सड़क संपर्क भी बाधित हो गया है।

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प्रभावित ट्रेनों की सूची:

1. 18448 जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस (2 जुलाई) रद्द

2. 18448 हीराखंड एक्सप्रेस (3 जुलाई) अब जगदलपुर की बजाय कोरापुट से चलेगी

3. 18516 किरंडुल-विशाखापत्तनम नाइट एक्सप्रेस (2 जुलाई) रद्द

4. 18516 नाइट एक्सप्रेस (3 जुलाई) अब कोरापुट से चलेगी

5. 18515 विशाखापत्तनम-किरंडुल नाइट एक्सप्रेस कोरापुट तक चलेगी

6. 18447 भुवनेश्वर-जगदलपुर हीराखंड एक्सप्रेस (2 जुलाई) कोरापुट तक चलेगी

7. 18447 हीराखंड एक्सप्रेस (3 जुलाई) पूरी तरह रद्द

8. 18005 हावड़ा-जगदलपुर समलेश्वरी एक्सप्रेस कोरापुट तक चलेगी

9. 18107 राउरकेला-जगदलपुर एक्सप्रेस (2 जुलाई) कोरापुट तक चलेगी

10. 18108 जगदलपुर-राउरकेला एक्सप्रेस (2 जुलाई) चत्रीपुट से लौटेगी और राउरकेला तक रद्द

11. 18108 (3 जुलाई) अब कोरापुट से चलेगी

12. 58501 विशाखापत्तनम-किरंडुल एक्सप्रेस जाराटी से आगे रद्द

13. 58501/58502 (3 जुलाई) केवल विशाखापत्तनम और अरकू के बीच चलेगी

14. 18006 जगदलपुर-हावड़ा समलेश्वरी एक्सप्रेस (3 जुलाई) अब कोरापुट से चलेगी

रेलवे ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि यात्रा करने से पहले अपने ट्रेन की स्थिति की जांच अवश्य करें। उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में पिछले साल भी भूस्खलन हुआ था, और डबल लाइन निर्माण के दौरान पहाड़ी कटाई ने इलाके को अधिक संवेदनशील बना दिया है।

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