
*अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण सूचना: झूठे और भ्रामक प्रचार से रहें सावधान*
वर्तमान समय में, जब शिक्षा का महत्व बढ़ता जा रहा है, वहीं कुछ विद्यालय अपने हितों को साधने के लिए झूठे और भ्रामक प्रचार का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों के लिए यह जानना आवश्यक हो जाता है कि वे अपने बच्चों के भविष्य के साथ किसी भी प्रकार का समझौता न करें।
*झूठे प्रचार के प्रकार:*
– *अतिरंजित दावे:* कुछ विद्यालय अपने परिणामों और सुविधाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं, जो वास्तविकता से परे होते हैं।
– *फर्जी प्रमाणपत्र और रैंकिंग:* कुछ विद्यालय अपने आप को सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र और रैंकिंग का उपयोग करते हैं।
– *भ्रामक विज्ञापन:* कुछ विद्यालय अपने विज्ञापनों में ऐसी बातें कहते हैं जो वास्तविकता से मेल नहीं खातीं।
*सत्यता की जाँच कैसे करें:*
– *विद्यालय की वेबसाइट और सोशल मीडिया की जाँच करें:* विद्यालय की वेबसाइट और सोशल मीडिया पेजों पर दी गई जानकारी की जाँच करें।
अन्य अभिभावकों से बात करें:अन्य अभिभावकों से बात करके विद्यालय के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
-विद्यालय का निरीक्षण करें:विद्यालय का निरीक्षण करके उसकी सुविधाओं और शैक्षिक माहौल का आकलन करें।
-प्रमाणपत्रों और रैंकिंग की पुष्टि करें: विद्यालय द्वारा दावा किए गए प्रमाणपत्रों और रैंकिंग की पुष्टि करें।
अभिभावकों के लिए सुझाव:
सतर्क रहें: किसी भी विद्यालय के प्रचार में आकर जल्दबाजी में निर्णय न लें।
-जानकारी इकट्ठा करें: विद्यालय के बारे में विस्तृत जानकारी इकट्ठा करें।
तुलना करें:विभिन्न विद्यालयों की तुलना करके अपने बच्चे के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुनें।
अंत में, अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य के प्रति सजग रहना चाहिए और किसी भी प्रकार के झूठे और भ्रामक प्रचार में न आकर अपने निर्णय को सोच-समझकर लेना चाहिए।