
संवाददाता-हेमन्त नागझिरिया
खुशी की बात है कि विद्यार्थी लाये पौधे, वे ही करेंगे उनकी देखभाल-डॉ. वर्मा
बड़वानी 16 जून 2024/ यह बहुत खुशी की बात है कि पौधारोपण के लिए पौधे आप स्वयं नर्सरी से लेकर आये हैं। आपने अपनी रुचि एवं इच्छा के अनुसार फलदार और छायादार वृक्ष बनने वाले पौधों का चयन किया है। आप इनकी देखभाल भी करेंगे और इन्हें विकसित होने में सक्रिय भूमिका निभायेंगे। कॅरियर सेल द्वारा बी.ए. फर्स्ट इयर के विद्यार्थियों को
व्यावसायिक पाठ्यक्रम जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सीसीई में पौधारोपण एक उपयोगी नवाचार है। इसके माध्यम से आप जैविक खेती के अनेक घटकों के बारे में व्याहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। इस समय जल गंगा संवर्धन अभियान भी चल रहा है। आपके द्वारा किया जाने वाला पौधारोपण उस अभियान का भी हिस्सा बन गया है। ये बातें शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. दिनेश वर्मा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहीं। महाविद्यालय के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब विद्यार्थी स्वयं इतनी बड़ी संख्या में पौधे लाये और उनका रोपण किया।
पांच सौ युवा अभियान में शामिल
कॅरियर सेल के कार्यकर्तागण प्रीति गुलवानिया और वर्षा मुजाल्दे ने बताया कि इस अभियान में जैविक खेती के पांच सौ से अधिक छात्र-छात्राएं सम्मिलित हैं। दो से दस विद्यार्थियों ने समूह बनाये हैं। वे स्वयं नर्सरी जाकर पौधे लायें हैं। कम्पोस्ट खाद की व्यवस्था भी उन्होंने स्वयं ही की है। वे अपने पौधों की देखभाल भी करेंगे। पूरी सावधानी के बाद भी यदि कोई पौधा क्षतिग्रस्त हो जाएगा तो उसकी जगह तुरंत ही नया पौधा रोप दिया जाएगा। साठ पौधे रोप दिये गये हैं। चालीस पौधे और रोपे जाएंगे।
ये पौधे रोपे गये
विद्यार्थियों ने आंवला, जामुन, कटहल, बादाम, पीपल, जाम, चीकू, सीताफल, आम, अशोक, नीम, नींबू, इमली, कलमी आम जैसे फलों के पौधों को प्राथमिकता दी गई है। इनसे जहां परिसर में हरितिमा और छाया मिलेगी, वहीं रसीले फल भी उपलब्ध होंगे।
ये प्रोफेसर हुए शामिल
जैविक खेती के युवाओं के इस प्रयोग की सराहना करते हुए पौधारोपाण कार्यक्रम में डॉ. आशा साखी गुप्ता, डॉ. के. एस, बघेल, डॉ. दिनेश परमार, डॉ. पीएस बघेल, डॉ. सादिक अहमद शेख, डॉ. सीताराम सोलंकी, डॉ. महेश लाल गर्ग, डॉ. जगदीश कन्नौजे, प्रो. लोकेंद्र वर्मा, प्रो. रितेश दासौंदी सहित प्राध्यापकगण शामिल हुए।
इन युवाओं ने किया नेतृत्व
विद्यार्थियों के गुप के लीडर के रूप में रीना चौहान, मेघा कुशवाह, संगीता इसराम, भूमिका वास्कले, दीपिका गोस्वामी, आयुषी बघेल, पिंकी बिल्लोरे, सोनाली अलावे, सलोनी चौहान, नीतेश डावर, शिवानी डावर, सुधा कुशवाह, खेमसिंह, जय रघुवंशी, बादल धनगर, राहुल जमरे, अनिल मंडलोई, राजेश पटेल, लोकेश सस्त्या, दीपक मंडलोई, मयंक कुशवाह, राजवर्धन पंवार, विक्रम खरते, देवंेंद्र सोलंकी, संजु डुडवे, अर्पिता वर्मा, अंशिका यादव, सुनिता मोरे, जयभानु चौहान, राजकुमार सोलंकी, अक्षय, रितिक वास्कले, जुआनसिंह सस्ते, किताराम सस्ते, सुमित वर्मा, अक्षय उचवारे, विक्की मोरे, अतुल जमरे, आकाश चौहान, सायसिंह सोलंकी, जितेंद्र जमरे, सौरभ सेन, राधा जाधव, सतीश सोलंकी, सरिता अहरवाल, रवीना गवले, निशा वास्कले, सोनू बड़ोले आदि ने अपने साथियों का नेतृत्व किया। नागरसिंह डावर, कन्हैयालाल फूलमाली, वर्षा शिंदे, अंतिम मौर्य, डॉ. मधुसूदन चौबे ने सहयोग किया।