
श्री संत तारण तरण दिगम्बर जैन चैत्यालय जी में श्रुतपंचमी मनाई गई
गाडरवारा । श्री संत तारण तरण दिगम्बर जैन चैत्यालय जी में आचार्य प्रवर संत श्रोमणि तारण तरण मण्डलाचार्य महाराज के परम साधक श्रदेय भैयाजी परमानन्द महाराज एवं श्रदेय सुरेश भैयाजी का आगमन हुआ ।
इस अवसर पर श्री संत तारण तरण दिगम्बर जैन चैत्यालय जी में भैयाजी के सानिध्य में श्रुतपंचमी मनाई गई।ज्ञातव्य है की पूज्य आचार्य श्री धरसेंन जी के चिंतन एवं आशीर्वाद से आचार्य श्री पुष्पदंत जी, एवं आचार्य श्री भूतबलि जी ने जेठ शुक्ल पंचमी के दिन षट्खण्डागम ग्रँथ की रचना पूर्ण की तभी से श्रुतपंचमी मनाई जा रही है।श्रुतपंचमी के अवसर पर सुबह श्री चैत्यालय जी में मंदिर विधि का आयोजन किया गया ततपश्चात भैयाजी परमानन्द महाराज ने श्रुतपंचमी के बारे में अपने प्रवचन में बताया की श्रुत और ज्ञान का यह पर्व हमें वीतराग सन्तो की वाणी आराधना और प्रभावना का संदेश देता है।आचार्यो ने षट्खण्डागम ग्रँथ देकर वीतराग भगवंतों की वाणी को लिपिबद्ध कर हमें अपना भव पार करने का संदेश दिया है।इस अवसर पर मंदिर विधि कराने का सौभाग्य मनोज जैन श्रीमती दर्शना जैन को सुपुत्री सोम्या के जन्मदिन पर प्राप्त हुआ।