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स्टाक मार्केट में तीस लाख करोड़ के घोटाले की जेपीसी से हो जांच-प्रमोद तिवारी

स्टाक मार्केट में तीस लाख करोड़ के घोटाले की जेपीसी से हो जांच-प्रमोद तिवारी
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने संसद के सत्र में जोरशोर से प्रकरण को उठाने का किया ऐलान, अयोध्या में श्रीराम के वंशजों के अपमान को बताया पीड़ाजनक
लालगंज, प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने स्टाक मार्केट के शेयरों के उतार चढ़ाव में तीस लाख करोड रूपये के बड़े घोटाले के आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होनें कहा कि इस शेयर घोटाले की जेपीसी से जांच कराए जाने को लेकर कांग्रेस आने वाले संसद के सत्र में पूरी ताकत एवं शक्ति के साथ इस प्रकरण को उठायेगी।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि शेयर घोटाले को लेकर अब तक प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री की चुप्पी से भी यह साबित हो रहा है कि पीएम मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह बड़े सवाल के घेरे में है कि क्या सर्वोच्च पद पर बैठे इन लोगों ने शेयर बाजार से शेयर खरीदने की वकालत की थी अथवा नहीं? उन्होनंे कहा कि इस प्रकरण में इससे जुड़े सभी बिंदुओं की जांच जेपीसी से होने पर ही तीस लाख करोड़ जैसी बड़ी रकम में शेयर बाजार के नाम पर हेराफेरी का पर्दाफाश हो सकेगा।
उन्होने कहा कि यह सर्वविदित एवं सत्य है कि पहली जून 2024 को एक्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी और एनडीए को लगभग चार सौ सीटें मिलने की अधिकृत रूप से घोषणा करते हुए संभावना जतायी गयी थी। उन्होनें यह भी कहा है कि ज्यादातर एक्जिट पोल से जुडी एजेन्सियों ने तीन सौ पचास से कम सीटें इन्हें मिलना नहीं बताया था। ऐसे में राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी के मुताबिक यह सर्वविदित एवं सत्य सामने आया है कि इससे स्टाक मार्केट शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल आया।
उन्होेने कहा कि जब मतगणना के बाद चुनाव परिणाम एक्जिट पोल की घोषणा के अनुरूप खरे नही उतरे और भाजपा की सीटों में पैंसठ सीटों की गिरावट ने उसे अल्पमत में ला दिया। उन्होेनें कहा कि इन घटनाचक्र के चलते ही स्टाक मार्केट शेयर बाजार में तीस लाख करोड़ रूपये निवेशकों के डूब गये। बतौर उदाहरण राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि कुछ ऐसा ही हर्षद मेहता प्रकरण में भी हुआ था। सांसद प्रमोद तिवारी के मुताबिक वह अंदर से जानकारी लेकर शेयर खरीदने की वकालत करता था।
उन्होनें कहा कि हर्षद मेहता की सच्चाई सामने आयी तो बाद में उसकी गिरफ्तारी हुई और वह सजा के साथ जेल गया। उन्होनें कहा कि लगभग वैसा ही वाकया इस गंभीर प्रकरण में भी सामने आ रहा है। सांसद प्रमोद तिवारी ने इस बात पर जोर दिया कि इसकी भी राष्ट्रहित में व्यापक स्तर पर जांच होनी चाहिए। उन्होनें पीयूष गोयल के इस कथन पर कि इसमें विदेशी निवेशकों को घाटा हुआ है तो जांच इस बात की भी होनी चाहिए कि कहीं देश के ही कुछ लोगों ने ही बेनामी कंपनियां बनाकर कालेधन का निवेश तो नहीं किया।
विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के जरिए करोड़ों के हेरफेर के इस मामले में जांच के तहत देश के सामने सच्चाई लाने को लेकर संसद में जोरदार आवाज बुलन्द करेगी। वहीं उन्होनें उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के अयोध्या नतीजे को लेकर भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को मिली पराजय के बाद पिछले अड़तालिस घंटों में भाजपा के कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से अयोध्यावासियों को दी जा रही गालियों को अत्यन्त पीड़ाजनक एवं निन्दनीय ठहराया है।
उन्होनें कहा कि यह सीधे तौर पर भगवान श्रीराम के वंशजों का अपमान है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा की हार के बाद यह नही भूलना चाहिए कि अयोध्या के लोग भगवान श्रीराम के वंशज हैं। उन्होने कहा कि लोकतांत्रिक ढंग से जनता ने अयोध्या में भाजपा प्रत्याशी को इसलिए हराया है क्योंकि भाजपा ने भगवान श्रीराम का राजनीतिकरण करके नवनिर्मित अधूरे मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के जरिए इसे चुनाव में मुददा बनाया। उन्होनें दावा किया कि भाजपा की भगवान श्रीराम के नाम पर आस्था के साथ खिलवाड़ के चलते अयोध्या के लोग दुखी हुए थे।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा ने भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा न दिखाकर इसे चुनावी मुददा बनाते हुए उनकी महिमा को कम किया। उन्होनें कहा कि भाजपा ने नारा लगाया कि जो राम को लाये हैं हम उनको लायेंगे इससे भी श्रीराम के पुजारियों को पीड़ा पहुंची। उन्होनें सवाल उठाया कि भगवान श्रीराम अवतरित हुए थे तो उनको लाने की क्षमता किसमें है। उन्होनें कहा कि किसी राजनीतिक दल को कभी भी इतना घमण्ड और अहंकार नही हो जाना चाहिए कि वे भगवान श्रीराम को लाये हैं। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा के इसी अहंकार और अपमान की राजनीति को लेकर अयोध्या का यह जनादेश सामने आया है।
उन्होनें कहा कि भगवान श्रीराम के वंशज अयोध्यावासियों को जनभावना के विपरीत अपमानित करना बेहद निंदनीय कृत्य है। उन्होनें कहा कि अयोध्या के चुनाव परिणाम से यह भी साबित हो गया है कि भाजपा की श्रद्धा भगवान श्रीराम में नही है बल्कि उनकी श्रद्धा भगवान श्रीराम के नाम पर सहारा लेकर सत्ता प्राप्ति मात्र में है। मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से शुक्रवार को यहां जारी बयान में उन्होनें कहा कि भाजपा श्रीराम की व्यापारी है। इसीलिए अयोध्या की हार से भाजपा भगवान श्रीराम के प्रति अनास्था व अपमान पर भी अब उतर आयी है।

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