
सर्मिष्ठा नाग-कोलकाता नये कार्यकर्ताओं पर नहीं कर सकते भरोसा… दिलीप घोष के बयान पर बंगाल BJP में मचा घमासान
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में बीजेपी की पराजय के बाद अब पार्टी नेताओं की अंतरकलह खुलकर सामने आ रही है. बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया है कि पुराने कार्यकर्ताओं की अवहेलना हुई है. बता दें कि दिलीप घोष इस चुनाव में
हार गए हैं. पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष के बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से पराजय के बाद पार्टी की अंतरकलह खुलकर सामने आई है. दिलीप घोष ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान को ट्वीट कर प्रदेश भाजपा नेतृत्व पर सवाल उठाया है. उन्होंने लिखा कि एक बात का ध्यान रखें, पार्टी के एक भी पुराने कार्यकर्ता की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए. अगर जरूरत पड़े तो
दस नए कार्यकर्ताओं को अलग कर दें, क्योंकि पुराने कार्यकर्ता ही हमारी जीत की गारंटी हैं. नए कार्यकर्ताओं पर इतनी जल्दी भरोसा करना उचित नहीं है. बता दें कि लोकसभा चुनाव में बंगाल बीजेपी को झटका लगा है. पश्चिम बंगाल टीएमसी की सीटों की संख्या 22 से बढ़कर 29 हो गई है. वहीं बीजेपी की सीटों की संख्या 18 से घटकर 12 रह गई है. बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष, मंत्री निशीथ
प्रमाणिक, अर्जुन सिंह, लॉकेट चटर्जी जैसे पार्टी नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है.दिलीप घोष ने अपने बयान में कहा है कि नए कार्यकर्ताओं पर जल्द भरोसा नहीं कर सकते हैं, जबकि पुराने कार्यकर्ता हमारी जीत की गारंटी होते हैं. बता दें कि पश्चिम बंगाल में दिलीप घोष के नेतृत्व में बीजेपी ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. बीजेपी बंगाल के इतिहास में पहली बार 18 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही थी.
2019 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद साल 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ममता बनर्जी की सरकार के सामने चुनौती पेश की. यह चुनाव भी दिलीप घोष के ही नेतृत्व में लड़ा गया था, लेकिन बीजेपी ममता बनर्जी की सरकार को हटाने में विफल रही, लेकिन बीजेपी को 77 सीटें मिलीं.इस बीच, पार्टी ने टीएमसी के कई नेता बीजेपी में शामिल हुए. इनमें ममता बनर्जी के पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी
भी थे. पार्टी ने सांसद सुकांत मजूमदार और शुभेंदु अधिकारी को पार्टी की जिम्मेदारी सौंप दी. इस बीच शुभेंदु अधिकारी पर बीजपी के पुराने कार्यकर्ताओं की अवहेलना करने का आरोप लगा है. अब लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद यह आरोप और भी तेज हो गया है. इस बीच, दिलीप घोष के बयान ने फिर से पार्टी के अंदर की अंतरकलह को उजागर कर दिया है.