A2Z सभी खबर सभी जिले कीLok Sabha Chunav 2024Uncategorizedअन्य खबरेमध्यप्रदेश

भू माफियाओं पर नाले की जमीन पर अतिक्रमण का प्रकरण दर्ज

क्या अवैध प्लॉटिंग पर नकेल कस पाएगा जिला प्रशासन?

 

(जावेद खान ब्यूरो पन्ना):-बीते कुछ वर्षों से प्लॉटिंग का व्यापार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को करोड़पति बनाने का एक अच्छा जरिया साबित हुआ है लेकिन इसके लिए लंबे वक्त और काफी नियम प्रक्रियाओं से गुजरना होता है लेकिन आज कल जल्दी अमीर होने की चाहत से लोग अब इसमें कई तरह की जालसाजी और धोखेबाजी पर उतर गए हैं,बीते दिनों देवेंद्र नगर स्थित झिरियन मंदिर के बगल से गुजरने वाले नाले का सीमांकन पटवारी दल द्वारा किया गया जिसमे मौके पर लगभग 32 फिट चौड़े और लगभग 500 मीटर लंबे नाले पर आधे से ज्यादा हिस्से में पुलिया और रोड डाल कर अतिक्रमण पाया गया जिसका उल्लेख पंचनामा,पटवारी प्रतिवेदन में।किया गया जिसके आधार पर तहसीलदार ज्योति सिंह राजपूत द्वारा अतिक्रमणकारियों शिव बालक नायक,अजीत जैन,भागवत विश्वकर्मा, नफीस अहमद,सुनील जैन के खिलाफ 248 का प्रकरण दर्ज कर नोटिस जारी किए है। साथ ही नफीस अहमद और सुनील जैन से जमीन खरीदने वाली क्रेता कलावती चौधरी को नाले की जमीन पर पिलर निर्माण पर नोटिस जारी किया गया है।साथ ही आगे की कार्यवाही के लिए उच्च अधिकारियों को लेख किया गया है। गंभीर विषय यह भी है की नाले की जमीन अतिक्रमण मुक्त करा भी ली जाए तो भी उक्त नाले के चारो तरफ आखिर प्लॉटिंग करके बिना नियम के कैसे बेचा जा रहा है ? क्या ये अवैध प्लॉटिंग नही है यदि है तो इसपर भी प्रशासन को कार्यवाही करनी चाहिए वरना नाला तो अतिक्रमण मुक्त हो जाएगा लेकिन एक अवैध कालोनी फिर से बिकसित हो जाएगी ।ऐसी जितनी भी कोलोनिया विकाशित हो रही है सभी की जांच अत्यंत आवश्यक है वरना वो दिन दूर नही जब देवेंद्र नगर के चारो तरफ अवैध कॉलोनियों का जाल फैल जाएगा।

कौन है ये अतिक्रमणकारी?

ये पूरे देवेंद्र नगर क्षेत्र में कई वर्षों से किसानों से औने पौने दामों पर जमीन खरीद कर उस पर प्लॉटिंग कर कई गुना मुनाफा कमाते है।अगर इनके द्वारा खरीदी और बिक्री की गई जमीनों की जांच की जाए तो कई चौकाने वाले आंकड़े सामने आए तो अचरज की बात नही है। इनके द्वारा आज तक जितनी भी कॉलोनी का निर्माण किया गया है किसी में भी कॉलोनाइजर एक्ट और रेरा के नियमों का अनुपालन नहीं किया गया।

क्या है कॉलोनाइजर एक्ट और रेरा के नियम

जब भी किसी नगर पंचायत या ग्राम पंचायत में व्यवसायिक प्रयोजन से भूखंड पर प्लॉट के टुकड़े प्रथक प्रथक बेचें जाते है या कॉलोनी निर्माण किया जाता है तो सासन द्वारा विक्रेता को कॉलोनाइजर एक्ट के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कराना संबंधित विभाग में अनिवार्य होता है साथ ही कुछ मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली,पानी,नाली ,सेप्टिक टैंक,ओवरहेड पानी की टंकी और लगभग ,30 फिट चौड़ी रोड निर्माण सहित मंदिर/मस्जिद पार्क के लिए जगह छोड़ना अनिवार्य होता है। साथ ही जमीन की प्लाटिंग करने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से लेआउट अप्रूव करना जरूरी है अप्रूवल के लिए लगभग 55 फीसदी जमीन सड़क नाली गार्डन एवम अन्य के लिए रिजर्व रखनी पड़ती है बाकी 45 फीसदी जमीन पर ही प्लाटिंग करके बेंचा जा सकता है।

भूमाफियाओं का खेला:
सबसे पहले ये भू माफिया ऐसी जमीन की खोज करते है जहां व्यक्तिगत आराजी के बगल से सरकारी आराजी हो ताकि उसे भविष्य में स्वयं के उपयोग में लेकर उसका भी आर्थिक दोहन किया जा सके साथ ही ये भोले भाले किसानों से खेती की जमीन खरीद लेते है जिसमे एक बार ही रजिस्ट्री खर्च आता है और फिर उसमे 12–15 फिट के लगभग रोड डाल कर प्लॉट विक्रय करना चालू कर देते है चुकी कॉलोनाइजर एक्ट और रेरा के नियमों का अनुपालन ये करते नही है इसलिए 10 से 15 प्रतिशत भूमि को छोड़ कर सारी भूमि को प्लाटों के रूप बिक्री कर देते है जिससे सरकार को तो राजस्व की तगड़ी हानि होती है लेकिन लाखों में खरीदी जमीन को करोड़ों रुपए में बेच कर कई गुना मुनाफा छाप लेते हैं।और यदि सरकारी जमीन अगल बगल है तो रोड में जाने वाली 15 प्रतिशत जमीन की भरपाई भी सरकारी जमीन से ही कर लेते है।

प्रशासन की भूमिका:
ग्राम पंचायत और नगर पंचायत स्तर मे जिला कलेक्टर कॉलोनियों को अवैध घोषित कर सकते है साथ ही कोलोनाइजर पर जुर्माना अधिरोपित कर सकते है,लेकिन स्थानीय स्तर पर तहसीलदार ,नगर पंचायत सीएमओ द्वारा इस संबंध में जिला स्तर तक पत्राचार कर अवैध कालोनी और प्लॉटिंग के संबंध में अवगत कराने की जिम्मेदारी होती है।

क्यों पनप रहे है ये भू माफिया:

लोकल स्तर सांठ गांठ में माहिर ये भू माफिया या तो अधिकारियों और कर्मचारियों को पोषित करते रहते है अथवा निस्क्रिय राजस्व प्रशासन इस बात को जिम्मेदार तक नही पहुंचाते जिसका सीधा लाभ भू माफियाओं को होता है।

जिम्मेदार क्या कहते हैं:

मुझ तक जानकारी आ चुकी है की अतिक्रमण पाया गया है,उसपर नियम संगत कार्यवाही की जायेगी साथ ही वहां हो रही अवैध प्लॉटिंग का विषय है उसके लिए तहसीलदार मैडम को दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं।

संजय कुमार नागवंशी
एसडीएम पन्ना

पटवारी प्रतिवेदन और पंचनामा के आधार पर अतिक्रमण के नोटिस संबंधितों को जारी किए जा चुके है।बाकी अवैध कालोनी और प्लॉटिंग वाले मसले के संबंध में पहले ही पत्राचार जिले के अधिकारियों को किया जा चुका है,बाकी जैसा दिशा निर्देशन वरिष्ठ अधिकारियों का प्राप्त होगा उसके आधार पर कार्यवाही की जायेगी
ज्योति सिंह राजपूत
प्रभारी तहसीलदार
देवेंद्रनगर

AKHAND BHARAT NEWS

AKHAND BHARAT NEWS

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!