
जिओ और जीने दो -शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ईश्वर ही इस ब्रह्मांड का एकमात्र रचयिता है। उसने इस दुनिया में सभी तरह के जीवों को बनाया है। उन सभी को शांति और सद्भाव से रहना चाहिए। हमें समझना चाहिए कि यह दुनिया ही एकमात्र ऐसी जगह है जहाँ हम सभी को रहना है। हमारे पास कोई दूसरी दुनिया नहीं है जहाँ हम भाग सकें। हमारे लिए सबसे अच्छा तरीका है “जियो और जीने दो” की नीति को अपनाना। महावीर,बुद्ध और गुरु नानक जैसे महापुरुषों ने हमें यही सिखाया है।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि जिओ और जीने दो का संदेश भगवान महावीर ने वर्षों पहले ही दे दिया था। उन्होंने यह संदेश इसलिए दिया था कि सभी लोग प्रेम पूर्वक और सेवा भाव से अपना जीवन व्यतीत करें। लेकिन हम मनुष्य द्वारा आज तक ही संदेश का पालन नहीं किया गया है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन , संरक्षक डॉ आरके जैन, डॉ आरके शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, आलोक गुप्ता एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, बृजेश शुक्ला एडवोकेट, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि प्रत्येक धर्म हमें हर व्यक्ति के धर्म का आदर करना सिखाता है प्रत्येक धर्म में लिखा है कि एक दूसरे के प्रति सेवा भाव रखें।
जिओ और जीने दो का संदेश केवल इंसानों तक ही सीमित नहीं है यह धरा पर उपस्थित सभी प्राणियों के लिए है लेकिन इंसानों द्वारा यह संदेश सभी अमल में लाया ही नहीं जाता है वह दिन प्रतिदिन क्रूर होता जा रहा है।वह बेजुबान जानवरों और पक्षियों पर भी अपनी बर्बरता दिखा रहा है।
इसके कारण जानवर और पक्षियों का जीवन दुर्भर हो गया है और जानवरों पक्षियों की कुछ प्रजातियां तो अब विलुप्त ही हो गई है और कुछ विलुप्त होने की कगार पर है।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ