
अंबेडकरनगर।
जिला अस्पताल में 92 लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार इंटीग्रेटेड लैब का संचालन हैंडओवर न होने से अधर में लटका है। वैसे तो कार्यदायी संस्था सी एंड डीएस को छह माह पूर्व ही जिला अस्पताल को हैंडओवर करना था लेकिन अब तक नहीं हो सका है।
अत्याधुनिक मशीनों से लैस हाइटेक लैब का संचालन न होने से थायराइड समेत कई अन्य प्रमुख जांचों का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। इसके संचालन के लिए अब आचार संहिता खत्म होने का इंतजार है।
थायराइड, बायो कमेस्ट्री, हिमैटोलॉजी समेत 100 से अधिक ऐसी जांचें जिनकी सुविधा जिला अस्पताल में नहीं है, इसकी सुविधा के लिए जिला अस्पताल में लगभग डेढ़ वर्ष पहले इंटीग्रेटेड लैब की स्थापना को स्वास्थ्य निदेशालय ने स्वीकृति प्रदान की थी। 92 लाख रुपये की लागत से अत्याधुनिक मशीनों से लैस हाईटेक लैब का निर्माण कार्यदायी संस्था सी एंड डीएस ने शुरू किया था।
लैब के निर्माण में शुरुआती दौर से ही कार्यदायी संस्था की मनमानी सामने आने लगी थी। लगभग छह माह पूर्व इंटीग्रेटेड लैब को जिला अस्पताल को हैंडओवर किया जाना था लेकिन अब तक हैंडओवर नहीं हो सका है। जबकि लगभग दो माह पूर्व ही इसका लोकार्पण हुआ था। हैंडओवर न होने से लैब का संचालन नहीं हो पा रहा जिससे मरीजों को महत्वपूर्ण जांच की सुविधा नहीं मिल रही। संबंधित जांच के लिए मरीजों को लखनऊ तक की दौड़ लगानी पड़ रही है।
इस बीच गत दिवस ही सीएमएस डॉ. ओमप्रकाश ने अत्याधुनिक लैब के हैंडओवर के लिए सीएमओ को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया कि छह माह पूर्व ही हैंडओवर होना था लेकिन अब तक नहीं हो सका है। मरीजों के हित को देखते हुए जल्द से जल्द हैंडओवर कराया जाए। ऐसे में लैब का संचालन आचार संहिता खत्म होने के बाद शुरू होने का अनुमान है।