
सुमिता शर्मा चंद्रपुर,महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के खानदेश मे बुलढाना जिले में घट स्थापना की 350 वर्ष पुरानी परंपरा है। अक्षय तृतीया के अवसर पर यहां का संरेखण वर्षा और फसल की स्थिति की भविष्यवाणी करता है जो किसानों के लिए उपयोगी है। इसलिए किसान ही नहीं, अब बीज कंपनियां भी ‘बिजनेस’ के लिए यहां आती हैं।
वाघकुला के चंद्रभान महाराज ने घाट स्थापना और भविष्यवाणी की शुरुआत की। यह मुख्य रूप से कृषि फसल, वर्षा, देश की रक्षा, अर्थव्यवस्था, व्यापार, स्वास्थ्य और राजनीति के बारे में पूरे वर्ष की भविष्यवाणी करता है। अक्षय तृतीया के अवसर पर गांव के पूर्वी हिस्से में बाघ नामक किसान के खेत में घट की व्यवस्था की जाती है और अगले दिन सूर्योदय से पहले घट को ध्यान से देखकर भविष्यवाणियां की जाती हैं। भेंडवाल में घट की भविष्यवाणियों को सुनकर किसान आने वाले ख़रीफ़ और रबी सीज़न के लिए बुआई और पानी देने की योजना बनाते हैं।
आज अक्षय तृतीया मुहूर्त पर सूर्योदय से पहले समूह का आयोजन कर वाघ महाराज ने फसल के पानी की भविष्यवाणी की है. लेकिन इस साल आचार संहिता के चलते यहां राजनीतिक भविष्यवाणियां नहीं की गई हैं.
बारिश कैसे होगी?
अम्बाडी इस स्थान के देवता हैं और कहा गया है कि इस वर्ष बहुत अधिक वर्षा होगी।
पहले महीने में कम बारिश होगी और दूसरे महीने में सामान्य बारिश होगी.
तीसरा महीना लंबा और अधिक बारिश वाला होने वाला है।
चौथे महीने में बेमौसम बारिश के साथ अच्छी बारिश दर्ज की गई है।
चूंकि कपास की फसल सामान्य रहने वाली है,ऐसा पूर्वानुमान भेंडवाल कार्यक्रम में कीया गया है।
वारी के सामान्य होने की भविष्यवाणी की गई है।
अरहर को एक सामान्य लेकिन अनिश्चित उत्पाद कहा जाता है।
मूंग और उड़द भी सामान्य रहेगी।
इस वर्ष तिल अच्छा रहेगा।
इतना ही नहीं फसलों पर महामारी भी लगेगी
यदि बाजरी सामान्य है तो साली की फसल अच्छी होगी।
जबकि अलसी एक आम फसल है, मटर भी आम है।
लेकिन इस वर्ष गेहूं प्रचुर मात्रा में होगा।
चना अच्छी फसल है लेकिन कीमत तय नहीं है.
भेंडवाल निर्वाचन क्षेत्र में इस वर्ष चुनाव होने की वजह से राजनीतिक भविष्यवाणी के लिए आचार संहिता के कारण फसल जल भविष्यवाणी कर राजनीतिक भविष्यवाणी नही की गई ।