
कौशिक नाग- पश्चिम बंगाल – आयोग ने मौके पर पहुंचकर की गयी जांच की रिपोर्ट राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजी है. एनएचआरसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘कथित आरोपी व्यक्तियों के अत्याचारों के कारण बने माहौल ने पीड़ितों को चुप करा दिया” और डराने-धमकाने तथा आतंक ने उन्हें ”न्याय मांगने के प्रति अनिच्छुक” बना दिया. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पश्चिम बंगाल में संदेशखाली मामले की मौके पर पहुंचकर की गयी जांच में ‘अत्याचार की कई घटनाओं’ को चिह्नित किया और कहा कि यह इंगित करता है कि ऐसी घटनाओं की रोकथाम में ‘लापरवाही’ के कारण ‘मानवाधिकारों का उल्लंघन’ हुआ. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि ‘प्रतिशोध के व्यापक भय के साथ ही ताकत दिखाने के खेल ने एक दुर्जेय बाधा के रूप में काम किया’ जिसने लोगों को अपनी शिकायतें दर्ज कराने से रोका. एनएचआरसी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि आयोग ने कई सिफारिशें की हैं और प्रत्येक सिफारिश पर पश्चिम बंगाल सरकार से आठ सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है.